केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को मौजूदा ग्राहकों और नई सिम के लिए आधार के ई-केवाईसी वेरिफिकेशन बंद करने को कहा है। 26 अक्टूबर को दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करके 5 नवंबर तक कंपनियों से रिपोर्ट भी मांगी है। गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए आधार के ई-केवाईसी वेरिफिकेशन को अवैध करार दिया था। इसके साथ ही ट्राई ने मोबाइल ऐप डाउनलोड करने पर निजी कंपनियों द्वारा डेटा एक्सेस की परमिशन मांगे जाने पर भी सवाल किया।

फॉर्म से भी हटेगा आधार का कॉलम

नए दिशा-निर्दोशों के आधार पर कंपनियों को अपने फॉर्म से आधार नंबर की एंट्री का कॉलम भी हटाना पड़ेगा। दूरसंचार विभाग का कहना है कि ग्राहक अपनी इच्छा से आधार कार्ड को आईडी के तौर पर दें तो ऑफलाइन मोड में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

टेलीकॉम कंपनियों ने केवाईसी नॉर्म्स पूरे करने के लिए वैकल्पिक डिजिटल प्रक्रिया अपनाने का सुझाव दिया था। इसके तहत ग्राहक एक्वीजिशन फॉर्म के साथ ग्राहकों की लाइव फोटो और आईडी-एड्रेस प्रूफ की स्कैन कॉपी के जरिए प्रोसेस पूरा करने का रास्ता सुझाया गया। यह प्रक्रिया कागज रहिता होगी।

दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से कहा है कि वे नया सिस्टम की प्रणाली विकसित करके तैयार कर 5 नंवबर तक इसका सबूत पेश करें।

डेटा एक्सेस पर ट्राई ने जताई चिंता

टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने शुक्रवार को निजी कंपनियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि ग्राहकों के डेटा का मिसयूज ना हो। ट्राई ने मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों से उनके डेटा एक्सेस की परमिशन लेने पर सवाल उठाए।

ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में कहा कि ग्राहक कोई भी ऐप डाउनलोड करते हैं तो उनसे कॉन्टेक्ट, कैमरा और दूसरे डेटा एक्सेस की इजाजत मांगी जाती है। लेकिन, इसकी कोई जरूरत नहीं होती। बल्कि, ऐसा करने से ग्राहकों की प्राइवेसी को खतरा रहता है।

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