बेतिया में ट्रेनिंग ले रही महिला सिपाही के खुलासे और फोन पर गंदी बात का ऑडियो वायरल होने के मामले में आरोपित सार्जेंट मेजर कामेश्वर दास के साथ दो रेल सिपाही भी लपेटे में आ गए हैं। रेल पुलिस के सिपाही नीतीश और चंद्रदीप को भी मामले में नामजद आरोपित बनाया गया है। उन पर आरोप है कि सार्जेंट मेजर का प्रस्ताव जब महिला सिपाही ने ठुकरा दिया तो उस पर दबाव बनाने के लिए नीतेश और चंद्रदीप ने झूठ गढ़ा। उसने महिला सिपाही को बताया कि वह मेडिकल जांच में अनफिट हो गई है, इसलिए उसे नौकरी नहीं मिलेगी। सार्जेंट मेजर चाहेंगे तभी कुछ हो पाएगा। इस तरह दबाव बनाने के लिए महिला सिपाही को बैरक में अकेले रखा गया, ताकि अन्य महिला सिपाहियों को पता चले बगैर वहां तक पहुंच सकें। कांड को लेकर महिला थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर तेजी से जांच कर कार्रवाई के आदेश एसएसपी मनोज कुमार ने दिए हैं। नगर डीएसपी मुकुल रंजन ने बताया, साक्ष्य मौजूद हैं। इसके आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी के निर्देश महिला थानेदार ज्योति कुमारी को दिए गए हैं। रेल पुलिस के एडीजी ने एसएसपी के अलावा काजी मोहम्मदपुर और महिला थानेदार को पत्र भेजकर बताया है कि विभागीय स्तर पर भी जांच में सार्जेंट मेजर दोषी साबित हो रहे हैं। एडीजी के इस पत्र के बाद सार्जेंट मेजर और दोनों सिपाहियों की गिरफ्तारी की विभागीय बाधा भी दूर हो गई है।

अनुकंपा पर नौकरी के लिए विधवा महिला को हवस का शिकार बनाना चाह रहा था सार्जेंट मेजर | बता दें कि महिला का पति की मौत रेलवे पुलिस में नौकरी के दौरान हो गई थी। अनुकंपा पर नौकरी के लिए महिला संघर्ष कर रही थी। इसी क्रम में सार्जेंट मेजर ने उसे अपने हवस का शिकार बनाने के लिए दबाव बनाना और फोन पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। महिला ने मोबाइल पर बातचीत का ऑडियो बनाया और विभाग के वरीय अधिकारी को सौंप दी। ये ऑडियो बाद में वायरल भी हो गई तब विभागीय स्तर पर चल रहा खेल पटल पर आ गया और अब इस मामले में महिला थाने में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Input : Dainik Jagran

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