किशनगंज: बिहार के सीमांचल के जिले किशनगंज में कक्षा-सातवीं के अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में पूछे गए एक सवाल में कश्मीर को भारत से अलग कर दिया गया है। मामला तूल पकड़ने लगा है और इसमें आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। सोमवार को हुई परीक्षा में एक ऐसा प्रश्न पूछा, जिसपर छात्र और उनके अभिभावक भी चौंक उठे। मामले में बीजेपी ने प्रतिक्रिया देते हुए बिहार शिक्षा विभाग पर निशाना साधा है।

सवाल और विवाद
किशनगंज में सातवीं के छात्रों के अर्धवार्षिक मूल्यांकन के अंग्रेजी के परीक्षा में कश्मीर देश में रहने वाले को क्या कहते हैं? प्रश्न देख छात्र सहित उनके अभिभावक हतप्रभ हैं। प्रश्न पत्र में छात्रों से पूछा गया है कि इन देश में रहने वाले को नागरिकों को क्या कहते हैं, इसका उत्तर रिक्त स्थान में भर दें। इसमें पहले नंबर पर चीन में रहने वाले को क्या कहते हैं? दूसरे नंबर पर नेपाल में रहने वाले को क्या कहते हैं? तीसरे इंग्लैंड में रहने वाले को क्या कहते हैं? चौथे में कश्मीर में रहने वाले को क्या कहते हैं और पांचवें स्थान पर पूछा गया है कि भारत में रहने वाले को क्या कहते हैं?
शिक्षा विभाग का यह प्रश्न हर किसी को अचंभित कर रहा है। कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग कश्मीर को भारत का अंग शायद नहीं मानते हैं जिस कारण ऐसा प्रश्न पत्र सेट किया गया। बताते चलें कि जिला में सोमवार को सातवीं कक्षा के छात्रों का अंग्रेजी का परीक्षा था। इसके प्रश्नपत्र में कश्मीर में रहने वाले को क्या कहते हैं सवाल पूछे जाने के बाद हालांकि कई छात्र-छात्राओं ने कश्मीरी उत्तर देकर चले आए। वहीं घर पहुंचने पर जब उसके अभिभावकों ने प्रश्नपत्र देखा तो मामला प्रकाश में आया कि आखिर शिक्षा विभाग ने किस आधार पर ऐसा प्रश्न पत्र सेट किया है। मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग के पदाधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी बोले- बेवजह बढ़ाया जा रहा मामला
जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने सब कुछ जानते हुए भी इसे बेतुका बात कहते हुए कन्नी काट रहे। उनका कहना है कि बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यह प्रश्न पत्र जिला स्तर पर ही सेट किया गया था जो छात्रों से पूछा गया है।
बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं मामले में बीजेपी नेता भी अब आवाज उठाने लगे हैं। बीजेपी जिलाध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि शिक्षा विभाग कश्मीर को भारत के अंग से अलग मानता है नतीजा है कि ऐसा प्रश्न पत्र सेट किया गया। उन्होंने कहा कि छात्रों को मानसिक रूप से दिगभ्रमित करने के लिए ऐसा सवाल पूछा जा रहा है। शिक्षा विभाग इसे भूल कहकर बात को टाल जाए लेकिन यह गंभीर मसला है इसे संबंधित विभाग एवं पार्टी के शीर्ष नेताओं के अवगत कराया जाएगा।
Source : Dainik Jagran