बिहार में जातीय जनगणना के नाम पर अभी सियासत गरम ही थी कि बिहार सरकार के मंत्री व जदयू नेता विजेंद्र प्रसाद यादव के एक बयान ने विशेष राज्य की मांग का चैप्टर फिर से खोल दिया. आरोप-प्रत्यारोप के बीच आज सीएम नीतीश कुमार ने विशेष राज्य की मांग और जाति आधारित जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बिहार दौरे को लेकर आज सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने विधानसभा परिसर में तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान वो मीडिया से भी मुखातिब हुए. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के विशेष राज्य की मांग और जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा.

मुख्यमंत्री ने स्पस्ट किया कि बिहार के लिए विशेष राज्य की मांग जारी रहेगी. मंत्री के बयान के बारे में उन्होंने कहा कि वो अलग तरीके से कहा गया बयान है कि इतने दिनों से मांग नहीं मानी गई है इसलिए अब विशेष राहत की मांग करेंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कूमार ने कहा कि बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग हमलोग शुरू से करते आ रहे हैं और ये जारी रहेगा. सीएम ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो विशेष दर्जा के लिए कमिटी भी बनी थी. लेकिन उसपर कुछ नहीं हुआ. अब इस मामले पर केंद्र को निर्णय लेना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी मानते हैं कि राज्य का विकास होना चाहिए इसलिए शुरू से हम सबकी यह मांग रही है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना पर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम सबने बात की है. मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया. हम सभी दल आपस में बैठकर बात करेंगे. राज्य के लिए कुछ करना है तो सभी बैठकर बात करेंगे और आपसी सहमति से इसपर आगे बढ़ा जाएगा. बता दें कि विशेष राज्य की मांग मामले पर अब विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. वहीं जातीय जनगणना पर एनडीए में ही दोमत हो चुका है.

Source: Prabhat Khabar

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