ताली बजेगी मगर अब मांगने के लिए नहीं बल्कि उपलब्धियों और एक नई पहचान के लिए। ट्रांसजेंडर उद्यमी बनेंगे और मुजफ्फरपुर-पटना में उद्योग लगाएंगे। बेला औद्योगिक क्षेत्र और फतुहा में लेदर बैग इंडस्ट्री लगाने के लिए सूबे के 50 ट्रांसजेंडर का चयन किया गया है। एक साथ इतने ट्रांसजेंडर को स्टार्ट अप से जोड़ने का देश में यह पहला प्रयास है जिसे बिहार में किया गया है।

प्रधान सचिव की मुहर के बाद मंगलवार को पहले चरण की प्रक्रिया शुरू करते हुए मुजफ्फरपुर में 25 ट्रांसजेंडरों ने लेदर इंडस्ट्री में जाकर ट्रेनिंग ली। मुजफ्फरपुर के साथ ही पटना, समस्तीपुर, आरा समेत अन्य जिलों के ट्रांसजेंडर इसमें शामिल हैं। इन सभी का नेतृत्व कर रही रेशमा ने बताया कि जीविका दीदियों की तर्ज पर सरकार की ओर से हमें भी मदद दी जा रही है। पहले चरण में उन ट्रांसजेंडर को शामिल किया गया है जो अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं और जिनमें उद्योग लगाने और इसे आगे बढ़ाने की संभावनाएं हैं। अगले चरण में बाकी 25 ट्रांसजेंडर ट्रेनिंग के लिए आएंगे। यह उनकी अपनी नई पहचान बनाने की ओर बढ़ाया एक बड़ा कदम है जिसे सरकार ने उपलब्ध कराया है।

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दरभंगा निवासी अदविका चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्योग योजना का लाभ लेने को लगातार हम प्रयासरत थे। अभी यहां लेदर इंडस्ट्री में हमें सीखने और बेला स्थित जगह देखने को भेजा गया ताकि हम उद्योग लगाने और चलाने की पूरी प्रक्रिया जान सके।

पहला बार ट्रांसजेंडर कम्युनिटी बेस्ड होगा उद्योग पटना से आयी अनुप्रिया व मुजफ्फरपुर की आयुषी ने बताया कि यह 15 साल की तपस्या का परिणाम है। पहली बार ट्रांसजेंडर कम्युनिटी बेस्ड इंडस्ट्री होगी जो हमारे साथ समाज की स्थिति में भी बदलाव लाएगी। जमीनी स्तर पर काम करने के लिए सरकार की पहल और लेदर इंडस्ट्री की ओर से हमें ट्रेनिंग दी जा रही है।

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उद्योग विभाग के प्रधान सचिव आज उद्यमियों से करेंगे बात

वे यहां सुबह करीब 930 बजे पहुंचेंगे और बेला औद्योगिक क्षेत्र के बैग क्लस्टर, लेदर क्लस्टर व अन्य औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों से बात करेंगे। इसके बाद सुबह 1030 बजे वे डीएम, जिला उद्योग केंद्र के पदाधिकारी, जीविका और बैंक के अधिकारियों के साथ समाहरणालय में बैठक करेंगे। उन्होंने हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि सरकार मुजफ्फरपुर को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने को लेकर प्रयासरत है। इसी के तहत प्लानिंग और डेवलपमेंट का काम हो रहा है। इसकी शुरुआत बैग हब के रूप में हो रही है, जिसके तहत अभी 225 जीविका दीदियों की सिलाई-कढ़ाई की तकनीकी जानकारी के लिए फेज वन के आरटीडी में ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रधान सचिव ने बताया कि वे पीएमईजीपी, पीएमएफएमई और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना आदि की समीक्षा भी करेंगे।

Source : Hindustan

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