लखनऊ के मड़ियांव स्थित मेडिसिन एंड ब्लड बैंक हॉस्पिटल और बीएनके हॉस्पिटल पर एसटीएफ ने छापा मारकर मिलावटी खून की कई यूनिट बरामद की। साथ ही, ऐसा खून बनाने वाली मोहम्मद नसीम और उसके साथियों की गैंग को भी गिरफ्तार किया।

ये है पूरा मामला

एसटीएफ को ऐसी खबर मिली थी कि मेडिसिन एंड ब्लड बैंक हॉस्पिटल और बीएनके हॉस्पिटल में खून की यूनिट में मिलावट की जा रही है। जिसके बाद उसने 15 तक इस मामले पर नजर रखी, फिर छापा मारकर इसे बनाने वाली गैंग को रंगे हाथों पकड़ लिया। गैंग में कुल 7 लोग शामिल थे। ये लोग ब्लड में सेलाइन वाटर मिलाकर दो यूनिट खून को तीन यूनिट बनाते थे। वहीं, एक यूनिट को 3500 रुपए में लखनऊ के कई हॉस्पिटल और ब्लड बैंकों में बेच देते थे। ये ब्लड कई मरीजों को दिया भी जा चुका है।

एक्सपर्ट ने बताए ऐसे खून के नुकसान

अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, विदिशा के सर्जरी विभाग के डॉक्टर नीरज जैन (MS जनरल और लैप्रोस्कोपिक सर्जन) ने बताया कि अगर इस तरह ब्लड इंसान की बॉडी में जाएगा तब क्या होगा?

> डॉ. नीरज ने बताया कि ह्यूमन ब्लड में 4 तरह के कंपोनेंट RBC, WBC, सीरम और प्लेट लेट्स होती हैं।

> यदि किसी इंसान को डेंगू हो जाता है तब प्लेट लेट्स लगाए जाते हैं।

> वहीं, इंसान का ब्लड 3 तरह के आदमी RBC, WBC और प्लेट लेट्स को दिया जा सकता है।

> ब्लड को लंबे समय तक रखने के लिए प्रिजर्वेटिव का यूज किया जाता है। जैसे, RBC में ये 120 दिन और प्लेट लेट्स में 2 दिन तक रहते हैं।

> सेलाइन वाटर का इस्तेमाल शरीर में पानी कमी के लिए किया जाता है। किसी मरीज को ब्लड उस कंडीशन में दिया जाता है जब उसमें हीमोग्लोबिन की कमी आ जाती है।

> यदि मरीज को ऐसा ब्लड दिया जा रहा है जिसमें सेलाइन वाटर मिला है तब हीमोग्लोबिन की कमी पूरी नहीं हो पाएगी।

> एक बोतल से 0.9 हीमोग्लोबिन बढ़ता है, लेकिन यदि उसमें सेलाइन वाटर मिला है तब ये मात्रा 0.4 या 0.5 तक हो जाएगी।

> इस स्थिति में जो काम एक बोतल से होता है वो 2 से होगा। ऐसे में ज्यादा ब्लड से हाइपर वॉल्यूम होगा।

> जब बॉडी में ब्लड की मात्रा ज्यादा होगी तब इसका लोड हार्ड पर आ जाएगा।

> सेलाइन वाटर मिलाने से वो ब्लड के अंदर से RBC खत्म हो जाते हैं। जिससे ब्लड का बेनीफिट मरीज को नहीं मिलेगा।

> वहीं, मिक्स ब्लड से बॉडी में इनफेक्शन हो सकता है। यहां तक की जान का खतरा भी हो सकता है।

> सबसे ज्यादा सेप्टीसीमिया का खतरा हो जाता है। इसके शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं।

Input : Dainik Bhaskar

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