इमरान खान के शपथ ग्रहण में पाकिस्तान जाकर वहां के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाना पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है. उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी.शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई जिसमे जस्टिस हरि प्रसाद ने खुद मामले की जांच करने का फैसला लिया.रालोसपा नेता और अधिवक्ता सुधीर ओझा ने सिद्धू के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया है. वादी ने आरोप लगाया है कि पाक सेना प्रमुख से गले मिलकर उन्होंने शहीद सैनिकों का अपमान किया है. आरोप यह भी है कि जब देश पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शोकाकुल था, तब सिद्धू पाकिस्तान में देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. 20 अगस्त को इस मामले में सिद्धू पर अदालत में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान जाकर प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इस पद के लिए इमरान खान के शपथ ग्रहण में सिद्धू पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा से गले मिले थे. इस पर भारत में काफी हंगामा हो रहा है. बीजेपी ने उन पर अपने हमले तेज कर दिए हैं. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू के विरोध में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि गले मिलना ठीक नहीं है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. इस मामले में अब मुजफ्फपुर में नवजोत सिंह सिद्धू पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है
उधर सिद्धू ने बाजवा को गले लगाने के अपने कदम का बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘यदि कोई मेरे पास आए और कहे कि हम एक ही कल्चर से ताल्लुक रखते हैं और हम गुरु नानकदेव के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर सीमा को खोलेंगे तो मैं क्या करता?’ सिद्धू ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रेसिडेंट के पास बैठने पर भी सफाई दी. इस पर उन्होंने बताया, ‘यदि आपको मेहमान के रूप में बुलाया जाता है तो जहां बैठने को कहा जाता है, आप वहीं पर बैठते हैं. मैं कहीं और बैठा था, लेकिन मुझे पीओके के प्रेसिडेंट मसूद खाने
के पास बैठने को कहा गया.’
Input : News 18