लोजपा (पारस गुट) के अध्यक्ष और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने रविवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आठ अक्टूबर को लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान का पहला पुण्यतिथि समारोह ऐतिहासिक होगा, जिसमें वे स्वयं राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों, विधायकों और सांसदों के अलावा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करेंगे। बैठक में प्रदेश लोजपा के पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों, विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों तथा दलित सेना के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

बैठक में केंद्रीय मंत्री पारस ने रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और दिल्ली में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग केंद्र सरकार से की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मांग की कि लोजपा के प्रदेश कार्यालय को रामविलास पासवान के नाम पर संग्रहालय बनाया जाए और हाजीपुर में उनकी आदमकद मूर्ति लगाई जाए। बैठक में सांसद चंदन सिंह, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक सुनील पांडेय, दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष अंबिका प्रसाद बिनू और मीडिया प्रभारी ललन चंद्रवंशी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि इसी महीने की 12 तारीख रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने पटना में पिता की बरसी मनाई थी। जमुई सांसद चिराग ने पुण्य तिथि पर आमंत्रण देने की कोशिश की थी मगर नीतीश कुमार ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। आखिर में चिराग ने मीडिया के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी।
चिराग ने अपने पत्र में नीतीश से कहा था कि आपकी मुझसे नाराजगी हो सकती है पर मेरे पिता का 50 साल का बेदाग राजनीतिक करियर रहा है। आयोजन में आइएगा जरूर। हालांकि नीतीश के साथ ही जदयू ने कार्यक्रम से दूरी बना ली थी। वहीं बीजेपी नेता पटना में आयोजित रामविलास पासवान की बरसी में पहुंचे थे।
Source: Dainik Jagran
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