सुप्रीम कोर्ट ने वृहस्पतिवार को कहा कि वह उस याचिका पर विचार करेगा जिसमें यह मांग की गयी है कि आपराधिक मामलों में दोषी करार दिये जाने वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाये. एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी मांग से न भटकें.

अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-8 (3) के मुताबिक अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो वह सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता.लेकिन याचिका में कहा गया है कि एक बार आपराधिक मामले का दोषी करार दिये जाने के बाद किसी भी नेता को आजीवन चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.

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याचिका में कहा गया है कि जब एक सरकारी कर्मचारी/अधिकारी की नौकरी सजा के बाद उम्रभर के लिए खत्म हो जाती है तो फिर नेताओं को इतनी कम सजा क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा है कि वह इस मामले पर 4 दिसंबर को सुनवाई करेगा.

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