सूबे में बिहटा अब विकास की नई इबारत लिख रहा है। शैक्षणिक, औद्योगिक के बाद अब रियल इस्टेट के क्षेत्र में हो रहे समावेशी विस्तार ने इलाके की खूबसूरती बढ़ा दी है। प्रखंड की 26 पंचायतों में कोई भी विकास की किरणों से अब अछूता नहीं है। मुख्य सड़कों पर बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। व्यापारी पूंजी निवेश से लेकर दुकानों के रखरखाव पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। इसलिए अब आम लोग भी बिहटा में निवेश करने लगे हैं।

 

वर्ष 2007 से सरकार के भूमि अधिग्रहण से इसकी शुरुआत हुई थी। पहले मुख्य सड़क से होकर गुजरनेवाले इलाकों में जमीन के खरीदार बहुत खोजने पर मिलते थे, जो उसका भाव किसानों की मजबूरी के हिसाब से लगाते थे। 10 साल में बिहटा की स्थिति ऐसी बदल गई है कि अब लिंक रोड और गांव की ज़मीनों के बदले किसानों को मुंहमांगी कीमत मिल रही है। बिहटा चौराहा से लेकर परेव तक, बिहटा-आरा रोड, बिहटा-बिक्रम सड़क मार्ग पर अमहरा या फिर पतूत रोड, बिहटा-खगौल मार्ग पर बिहटा चौराहा से लेकर नेउरा तक, बिहटा-मनेर रोड में आनंदपुर तक के इलाके की हालत कमोवेश एक जैसी है।

रियल इस्टेट की कई कंपनियों द्वारा यहां बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। किसी भी इलाके में अब जमीन का बड़ा प्लॉट बमुश्किल ही मिलेगा। सोननद के बीच में स्थित तारेगना टोंक को भी पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की योजना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी पौराणिक पहचान को लेकर इसे विकसित करने की योजना पर अधिकारियों को बहुत पहले निर्देशित किया था। इस क्षेत्र में जैसे ही काम की शुरुआत होगी पूरा इलाका विकास के बड़े स्वरूप में तब्दील हो जाएगा।

सरकार ने वायुसेना केंद्र, बिहटा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए पहले रनवे विस्तार एवं यात्री शेड के लिए आवश्यक जमीन को चिह्नित कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए भू अर्जन विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है।

बिहटा-आरा रोड में एनआईटी प्रस्तावित है। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है, लेकिन एक कानूनी अड़चन के कारण उसमें काम शुरू होना बाकी है। जानकार बताते हैं कि जैसे ही इनका निर्माण शुरू होगा बाजार को बड़ी ताकत मिलेगी।

बिहटा की पहचान पहले चीनी मिल, होमगार्ड केंद्रीय प्रशिक्षण केंद्र और वायुसेना केंद्र से थी। अब इसमें अनगिनत नाम जुड़ गए हैं। जिसमें आईआईटी, नाइलेट, एफडीडीआई, ईएसआईसी, एचपीसीएल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, हीरो साइकिल, रेमंड्स सहित अन्य संस्थान शामिल हैं।

सरकार ने करीब तीन हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर बिहटा को आगे बढ़ाने में काम किया है। शिक्षण संस्थानों के निर्माण एवं खुलने के बाद बिहटा में अप्रत्याशित बदलाव आया है। मुख्य सड़क से लेकर लिंक रोड तक रियल इस्टेट की कई कंपनियां गई हैं।

बड़े पैमाने पर की गई जमीन की खरीददारी से किसानों के गृहस्थ आश्रम में खुशहाली आई तो बाजार भी इसे देखकर संभल गया। व्यावसायियों ने बदलते बिहटा और लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरने के कारण पटना के तर्ज पर मॉल बना दिए। ऐसी ही तेजी अन्य क्षेत्र में भी गई।

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