राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में कूड़े के ढेर नवजात मिली। वह चूहों से घिरी हुई थी। मासूम की तीन अंगुलियों को चूहों ने कुतर दिया। अन्य अंगों को भी कुतर रहे थे। दर्द से मासूम रो रही थी। उसी समय रास्ते से गुजर रही उर्मिला देवी की कानों में रोते हुए नवजात की आवाज सुनाई दी। वह रुकी। चारों तरफ नजर दौड़ाई। तभी उसकी नजर कूड़े में फेकें एक बोरे पर पड़ी। महिला वहां पहुंची। बोरे को जब खोला तो उसमें नवजात को देख दंग रह गई। उसने बच्ची को देख तुरंत उठाया और अपने कलेजे से लगा लिया। तुरंत बच्ची को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। महिला दानापुर भुसोला गांव की रहने वाली है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार की सुबह भुसोला दानापुर गांव के पोखर के पास कूड़े की ढेर पर बच्ची को फेंक दिया गया था। उस नवजात बच्ची के तीन अंगुलियों को चूहों ने कुतर दिया था। शरीर के कई अंग पर भी कुतरने का चिन्ह मिले। उर्मिला शायद उसे नहीं देखती तो चूहे उस नवजात की जान ले लेते। कूड़े में नवजात मिलने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ वहां जुट गई। उसे फेंकने वालों के खिलाफ लोगों में आक्रोश भी था।

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नवजात को पाने वाली उर्मिला निसंतान है। ग्रामीणों ने उसे ही इस नवजात को पालने के लिए सौंप दिया। जब उसे बच्ची मिली तो उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने बताया कि उसे कोई संतान नहीं है। भगवान ने मेरी सुनी कोख को भर दिया। भगवान को लाख लाख शुक्रिया। महिला ने कहा कि भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं। संतान नहीं रहने पर मुझे लोग चिढ़ाते थे, लेकिन भगवान ने मेरी सुन ली। बच्ची को काफी पढ़ाऊंगी ताकि वह समाज के बेहतर काम कर सके।

Source : Hindustan

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