मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड की जांच करने वाले सीबीआइ एसपी जेपी मिश्रा के तबादले पर बुधवार को सही जवाब नहीं दिए जाने पर पटना हाइकोर्ट ने सीबीआइ को कड़ी फटकार लगाई और इसके साथ ही अब नए सिरे से मामले की जांच करने का आदेश भी दिया। वहीं, कोर्ट ने राज्य सरकार को शेल्टर होम के बारे में पूरा ब्यौरा कोर्ट में पेश करने को कहा।

चीफ जस्टिस मुकेश आर शाह की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सीबीआइ एसपी एवं डीआईजी की जगह अब बालिका यौन शोषण मामले की जांच की मॉनिटरिंग का काम स्पेशल डायरेक्टर के हवाले कर दिया है। अब वे ही पूरे प्रकरण की जांच की मॉनिटरिंग करेंगे। कोर्ट ने जांच में तेजी लाने के लिए सीबीआइ को अपनी देख रेख में एक एसआईटी गठित करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने अब तक की जांच में असंतुष्टि जाहिर की है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में एनजीओ के द्वारा चल रहे शेल्टर होम के बारे में पूरा ब्योरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस एम आर शाह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की वकील प्राकृतिका को पीड़ित लड़कियों से बात कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी।

इससे पहले मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्टेट लीगल सर्विस ऑथिरिटी को तीन हफ्ते के भीतर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की पीड़िताओं को मुआवाजे की राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
Input : Dainik Jagran
