समस्तीपुर जिले की रहने वाली 8 साल की बच्ची के पढ़ाई के जज्बे को देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। हसनपुर प्रखंड के सिरसिया गांव की रहने वाली सबा परवीन को पढ़ने की ललक है। वह जन्म से पोलियोग्रस्त है। इस कारण उसका एक पैर और एक आंख काम नहीं करती है। इसके बावजूद पढ़ने के लिए वह रोजाना अकेले घर से लगभग 1000 मीटर दूर स्थित स्कूल पैदल जाती है। पढ़ाई के प्रति सबा का लगाव दूसरे बच्चों को भी प्रेरणा दे रहा है। वह एक पैर से उछलते हुए जब स्कूल जाती है तो हर कोई दांतों तले उंगली दबा लेता है।

सबा उछलते हुए स्कूल जाती है, तो उसके पीठ पर बैग भी रहता है। उसका इसी साल जुलाई में गांव के प्राथमिक कन्या विद्यालय में नामांकन हुआ है। सबा गरीब परिवार की है। परिवार के भरण पोषण के लिए उसके पिता मो. फैयाज दिल्ली में मजदूरी करते हैं। मां नजराना खातून गांव में खेतों में काम करती है। मो. फैयाज मूल रूप से बिथान प्रखंड के लाद गांव का निवासी है, लेकिन ससुराल में ही परिवार रहता है। उसे सबा परवीन के अलावा दो लड़का व एक लड़की और है। सबा भाई बहनों में सबसे बड़ी है।
बिहार के समस्तीपुर जिले में हसनपुर प्रखंड के सिरसिया गांव की रहने वाली सबा परवीन की उम्र महज 8 साल है। वह जन्म से पोलियोग्रस्त होने के कारण एक पैर और एक आंख काम नहीं करती, पढ़ने की ललक इतनी है कि वो रोज उछलते हुए ऐसे ही स्कूल जाती है…#Bihar pic.twitter.com/mykbmeBFYB
— Hindustan UP-Bihar (@HindustanUPBH) October 23, 2022
मां नजराना खातून ने बताया कि सबा में शुरू से पढ़ने की ललक थी। जब वह गांव की अन्य लड़कियों को स्कूल जाते देखती थी तो उसे भी पढ़ने का मन करता था। लेकिन पैर से लाचार होने के कारण उसे स्कूल नहीं भेजते थे। बाद में सबा की जिद के कारण उसका प्राथमिक कन्या स्कूल में नामांकन कराया। अब वह प्रतिदिन स्कूल जाती है। नानी शबनम खातून ने बताया कि सबा उससे बराबर स्कूल में नाम लिखवाने के लिए कहती थी।
प्रधानाचार्य जमशेद आलम ने बताया कि सबा स्कूल से मिलने वाले टास्क को पूरा कर लाने के साथ पढ़ाई के समय एकाग्र रहती है। उसे सरकारी स्तर पर सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में बीडीओ जयसिन ने बताया कि मुख्यमंत्री दिव्यांग योजना के तहत उसे व्हीलचेयर दिया जा सकता है। इसके लिए उसे ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
Source : Hindustan