पटना. बिहार में मानवीय रिश्तों और संवेदना पर सवाल खड़े करती एक घटना सामने आई है. मामला पटना से सटे दानापुर के फुलवारीशरीफ इलाके का है जहां एक नन्ही सी परी को उसकी मां ने ना जाने किस कसूर की सजा दी. जन्म के ठीक बाद ही बच्ची को मरने के लिए छोड़ दिया गया. इस दौरान बच्ची पर चूहों की नजर पड़ी तो वो उसे अपना निवाला बनाने को आतुर हो गए लेकिन बच्ची का रोना ही उसके लिए मददगार साबित हुआ और एक महिला ने उसे अपने आंचल की छाव देकर उसे नई जिंदगी दी.

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महिला ने बच्चे को अपने आंचल और गोद में खिलाया और दूध पिलाया फिर इलाज भी कराया. बच्ची को जन्म के बाद भुसौला दानापुर तालाब के पास फेंका गया था लेकिन जब उसकी रोने की आवाज लोगों तक गई तो बोरे में लिपटी इस मासूम के लिए लोग फरिश्ते बने. नन्ही सी परी को उर्मिला देवी ने मां का आंचल दिया और उसे घर ले आई. बच्ची के हाथ की तीन उंगलियाों और पेट के पास चूहे और छछुंदर ने काट खाया था. जब लोगों ने देखा तो दुधमुही बच्ची खून से लथपथ थी. उसे घर लाकर साफ किया गया और जान बचाने के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां उसकी जान बचाई.

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उर्मिला कहतीं हैं कि हमारी कोई संतान नहीं थी. यह हमें मिली है, तो हम इसे ही पालेंगे. इसे फिलहाल कोई नाम नहीं दिया है. उर्मिला निसंतान थी इसलिए ग्रामीणों को भी इस बात की खुशी है कि उसे एक संतान मिल गयी लेकिन ग्रामीण भी उस जन्म देने वाली मां को कोसते नजर आ रहे हैं. लंगट मांझी ने बताया कि उर्मिला देवी को संतान नहीं हो रही थी. आज एक बच्ची फेंकी मिली तो उसे ही संसार बना लिया और मां का आंचल दिया.

Source : News18

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