पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंजल के सात गांवों को यूपी में स्थानंतरित किया जाएगा, जबकि उत्तर प्रदेश के 15 गांव बिहार में स्थानंतरित किए जाएंगे. इसको लेकर सको लेकर तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने पश्चिम चंपारण, बेतिया के जिलाधिकारी को पत्र भेजा है और सर्वे कर रिपोर्ट देने की बात कही है.

दोनों के बीच 15 गांव जाएंगे मिलाए जाएंगे
जानकारी के अनुसार, कुल मिलाकर दोनों के बीच कुल 15 गांव एक-दूसरे में स्थानंतरित किया जाएगा. बगहा के जिन गांवों को यूपी में स्थानंतरित किया जाएगा उसमें-बैरी स्थान, मंझरिया, मझरिया खास, श्रीपतनगर, नैनहा, भैसही और कतकी शामिल है.
क्या है वजह?
दरअसल, उत्तर प्रदेश बिहार के सीमा पर बसे इन गांवों में आने जाने के लिए एक-दूसरे के बॉर्डर से प्रवेश कर 30 से 40 किमी दूरी तय करनी पड़ती है. जिसके कारण यहां पर कई सारी विकास की योजनाओं धरातल पर नहीं उतर पाती. बाढ़ के वक्त भी प्रशासन को यहां राहत कार्य करने में काफी सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, ग्रामीणों को प्रशासनिक कार्यों के लिए अपने प्रदेश जानें में भी लंबी दूरी तय करनी पड़ता है.
विधानसभा में उठेगा मामला
वहीं, मामला सामने आने के बाद अब बगहा में राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है. जदयू विधायक रिंकू सिंह ने कहा कि वो इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर गांवों को यूपी नहीं मिलाए जाने का आग्रह करेंगे और जरूरत पड़ने पर विधानसभा में भी सवाल उठाएंगे.
विधायक ने उठाए सवाल
विधायक ने कहा, ‘जब ये गांव बदहाल थे और विकास की योजनाएं यहां नहीं पहुंच रही थी तब किसी ने यूपी में शामिल नहीं किया. लेकिन जब आज यहां सभी प्रकार की योजनाएं पहुंच रही हैं और गांव उन्नत कर रहा है तो ऐसे समय में इस तरह का पत्रचार कहीं से भी सही नहीं है.’
‘हम किसी भी कीमत पर यूपी का हिस्सा नहीं बनेंगे’
हालांकि, ग्रामीण भी इसकर अब खुलकर विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि अब हमारे गांव में विकास की सारी योजनाएं आ रहे हैं. हम किसी भी कीमत पर यूपी का हिस्सा नहीं बनेंगे.
Source: Zee Media
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