निगरानी विभाग ने शनिवार को दानापुर निजामत नगर परिषद के प्रधान लिपिक उमाशंकर प्रसाद और बिचौलिया रमाशंकर भारतिया को गोला रोड मोड़ पर एक लाख 67 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत एक ठेकेदार का बकाया भुगतान कराने के एवज में ली जा रही थी। निगरानी के डीएसपी मो. जमीरुद्दीन के नेतृत्व में प्रधान लिपिक के कार्यालय की ली गई तलाशी के दौरान आलमीरा से 22 लाख 90 हजार पांच सौ रुपये बरामद हुए। इसके अलावा उमाशंकर की जेब से भी एक लाख 50 हजार 900 रुपये नकद मिले।

वहीं, उमाशंकर के आवास से 3 लाख 22 हजार रुपए मिले। इस तरह उसके पास से अब तक 29 लाख 30 हजार 400 रुपए नकद बरामद हुए हैं। इसके अलावा 14 पॉलिसियों में निवेश, बैंक खाते और एटीएम कार्ड मिले हैं। प्रधान लिपिक के दानापुर स्थित आवास पर भी छापेमारी की गई। देर शाम तक तलाशी जारी रही। वहां से भी दो लाख रुपये नकद मिले हैं। प्रधान लिपिक के खिलाफ निगरानी थाने में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जाएगा। निगरानी की कार्रवाई से नप कार्यालय में हड़कंप मचा है।

रिश्वत के 23 लाख बंटने थे कर्मियों में

रिश्वत लेते पकड़ाए उमाशंकर की जेब से चाबी भी मिली। इसके बारे में उसने निगरानी को बताया कि चाबी उसके कार्यालय के आलमारी की है। निगरानी अधिकारी ने साथ लेकर आलमीरा खोला तो उसमें से 22 लाख 90 हजार 500 मिले। बरामद राशि के बारे में आरोपित ने टीम को बताया कि यह राशि कमीशन की थी जिसे माह के अंत में नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच बांटा जाना था। वहीं, परिषद के कार्यपालक अधिकारी ने भी निगरानी जांच टीम को बताया कि यह राशि कार्यालय की नहीं है।

ठेकेदार नित्यानंद सिंह ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की थी कि उसने रामजयपाल नगर में सड़क व नाला मरम्मत का कार्य कराया है, लेकिन दानापुर नगर परिषद द्वारा पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया। बकाया राशि के भुगतान के लिए प्रधान लिपिक उमाशंकर प्रसाद 1.67 लाख रुपये रिश्वत मांग रहा है। जांच के बाद निगरानी ब्यूरो ने आरोप को सही पाया। इसके बाद डीएसपी मो. जमीरुद्दीन के नेतृत्व में धावा दल का गठन किया। ठेकेदार ने रिश्वत की राशि देने के लिए प्रधान लिपिक को बेलीरोड महाराजा मैरेज पैलेस के पास पेट्रोल पम्प के पास बुलाया। प्रधान लिपिक रिश्वत की राशि लेने बिचौलिया रमाशंकर के साथ पहुंचा, जिन्हें निगरानी टीम ने पैसे लेते धर दबोचा। बरामद अधिकांश नोट 2000 और 500 की गड्डी की शक्ल में थे। उमाशंकर के पॉकेट की जब तलाशी ली गई तब उसकी जेब से एक लाख 50 हजार 900 रुपये नकद व कार्यालय के आलमीरा की चाबी बरामद हुई।

सूत्रों के अनुसार पूछताछ में निगरानी टीम को जानकारी मिली कि नगर परिषद में योजनाओं के लिए कमीशन के तौर पर मोटी रकम ली जाती है। ट्रैक्टर व जेसीबी मशीन के संचालन में डीजल का जाली विपत्र बनाकर राशि की बंदरबांट का मामला भी सामने आया है। नक्शा पास कराने के लिए रिश्वत लेने की बात भी सामने आई है।

Input : Live Hindustan

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