बिहार में लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी शिकायतों का निबटारा करने के लिए बिजली कंपनी ने विशेष पहल की है। कंपनी की ओर से विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। ऑटो ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम में उपभोक्ता न केवल शिकायत कर सकेंगे, बल्कि उसकी प्रगति पर भी नजर रख सकेंगे। 15 नवम्बर तक यह व्यवस्था शुरू होने की उम्मीद है। यह विशेष सॉफ्टवेयर बिहार बिजली एप पर ही उपलब्ध होगा।

बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बुधवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं की समस्या को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय एजेंसी ईईएसएल को कार्यप्रणाली में बदलाव लाने का निर्देश दिया गया था। इसके फलस्वरूप स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को तुरंत वेलकम मैसेज देने का काम शुरू कर दिया गया है। अब लगभग 86 फीसदी बिजली उपभोक्ताओं को मीटर लगने के 3 दिन के अंदर वेलकम मैसेज प्राप्त हो रहे हैं। इससे मीटर लगते ही वह सर्वर से जुड़ जा रहा है। इससे मीटर रिचार्ज करने में समस्या उत्पन्न नहीं होगी। कुछ समय चलने के बाद मीटर नॉन कम्युनिकेटिव हो जा रहे थे। इस कारण उपभोक्ताओं द्वारा मीटर रिचार्ज करने के बाद भी उनका बैलेंस अपडेट नहीं हो रहा था। अब तक ऐसे 5600 स्मार्ट प्रीपेड मीटर को बदला जा चुका है। 30 अक्टूबर तक सभी नॉन कम्यूनिकेटिव मीटर बदल दिए जाएंगे।
सीएमडी ने कहा कि बिहार बिजली स्मार्ट मीटर एप में कुछ बदलाव किये गये हैं। अगले महीने से रियल टाइम बैलेंस देखने की सुविधा मिल जाएगी। बिजली खपत की राशि किस मद में काटी गई है, उपभोक्ता इसे देख सकेंगे। शिकायत करने के बाद उसकी प्रगति भी देख सकेंगे। तय लोड से अधिक खपत करने पर उपभोक्ताओं को दोगुनी राशि देनी पड़ रही है। कंपनी ने विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की है। उपभोक्ताओं को छह महीने का समय दिया जाएगा जिससे वे अपने घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अनुसार बिजली का लोड बढ़वा सकें। इस अवधि में उपभोक्ताओं से खपत के अनुसार ही बिजली बिल लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में अब तक 11 लाख 21 हज़ार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं। दिसंबर तक 3 लाख और स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है। राज्यभर में स्मार्ट प्रीपेड लगने के बाद न सिर्फ राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि तकनीकी-व्यावसायिक नुकसान भी कम हो जाएगा। उपभोक्ता एक साल में अपनी कुल खपत में 36 फीसदी राशि सब्सिडी के तौर पर प्राप्त कर सकते हैं।
● अगले महीने से काम करने लगेगा ऑटो ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम
● अगले महीने से रियल टाइम बैलेंस देखने की सुविधा मिल जाएगी
● सितम्बर 2019 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगे स्मार्ट मीटर
● फरवरी 2020 में शहरी इलाकों में मीटर लगाने का काम शुरू
● जनवरी 2021 में ग्रामीण इलाकों में भी लगाये जाने लगे मीटर
● देश में लगे 12 लाख 24 हजार में से 11 लाख 21 हजार मीटर बिहार में
इस तरह की आ रहीं शिकायतें
● रिचार्ज करने के बावजूद बैलेंस की जानकारी नहीं मिलती
● पैसा रहते हुए भी बिजली आपूर्ति बंद हो जा रही है
● दैनिक खपत में अचानक मोटी राशि कट जा रही है
● वेलकम मैसेज नहीं मिलने से सर्वर से नहीं जुड़ रहा मीटर
Source : Hindustan