दीपावली के बाद मुजफ्फरपुर का प्रदूषण स्तर इमरजेंसी स्तर के पार चला गया है। पीएम-2.5 राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक पर चला गया है। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को देखते हुए सेंटर फॉर एन्वायर्नमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने अलर्ट जारी किया है। सरकार से इमरजेंसी प्लान बनाने और हेल्थ एडवाइजरी जारी करने की अपील की है। इधर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरीय वैज्ञानिक डॉ. एसएन जायसवाल ने कहा कि वातावरण में धुआं की मात्रा बढऩे व ठंड के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

बिगड़ रही स्थिति

सीड की ओर से किए गए अध्ययन के अनुसार दीपावली के एक दिन पहले व एक दिन बाद तेज धुआं व आवाज वाले पटाखे लगातार छोड़े जाने व केरोसिन के दीये जलाने के कारण सात नवंबर यानी दीपावली के दिन औसतन 24 घंटे पीएम-2.5 260 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर (एमजी/कॉम) रहा जो कि राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक है। छह नवंबर को यह 183 एमजी/कॉम था। दीपावली के पश्चात सुबह में ठंड और हवा में ज्यादा नमी ने प्रदूषण को और गंभीर कर दिया। आठ नवंबर यानी दीपावली की अगली सुबह पीएम-2.5 संकेंद्रण 317 एमजी/कॉम रहा जो कि सुरक्षित सीमा से 5.2 गुना अधिक है।

सीड की वरीय कार्यक्रम अधिकारी अंकिता ज्योति ने कहा कि मुजफ्फरपुर शहर को एक घने धुंध ने घेर लिया। एक साधारण फुलझड़ी से लेकर जटिल व शोरगुल वाले पटाखों में नाइट्रेट्स, सल्फर, चारकोल, एल्युमीनियम, टाइटेनियम, कॉपर, स्ट्रोनटियम, बेरियम और डेक्स्ट्रिन जैसे तत्वों का मिश्रण होता है। अधिक मात्रा में आतिशबाजी से ये जहरीले तत्व हवा में घुल मिल जाते हैं और स्मॉग (धूल मिश्रित धुआं) का निर्माण करते हैं, जिसमें सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा अन्य पार्टिकल्स रहते हैं। यही स्थिति मुजफ्फरपुर के वातावरण में पिछले एक दिन से बनी हुई है।

प्रदूषण पहुंचा खतरनाक स्तर पर

सीड ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी मॉनीटर‍िंग स्टेशन से गत सात और आठ नवंबर के दिन और इसके पश्चात औसतन चार घंटे पीएम-2.5 डाटा का संग्रह किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार दीपावली के दिन 12 बजे दोपहर से 4 बजे तक पीएम-2.5 का स्तर नीचे था और चार बजे के बाद इसमें बढ़ोतरी दर्ज की जाने लगी और इसने अपने उच्चतम स्तर को छुआ। दिन के समय 12 बजे से लेकर 4 बजे यानी चार घंटे में औसत पीएम- 2.5 संकेंद्रण 118.1 एमजी/ कॉम था, जो रात के 8 बजे से लेकर 12 बजे यह बढ़ कर 750 एमजी/कॉम की खतरनाक ऊंचाई पर आ गया। जो वर्ष 2018 की दीपावली में पीएम 2.5 का स्तर साल 2017 की दीपावली से ज्यादा है।

सीड ने दो वर्षों 2017 और 2018 के बीच चार घंटों के पीएम 2.5 स्तर का तुलनात्मक अध्ययन भी किया। उसके मुताबिक इस साल पीएम-2.5 का औसत संकेंद्रण पिछले साल की दीपावली की तुलना में अधिक गंभीर था। वर्ष 2017 में चार घंटे का पीएम-2.5 संकेंद्रण अधिकतम 265 एमजी/कॉम था, जबकि इस साल यह 750 एमजी/कॉम रहा।

Input : Dainik Jagran

 

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