महीन धूलकण के कारण पहली बार मुजफ्फरपुर देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पार्षद द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, मुजफ्फरपुर को 344 अंक मिला है। वहीं देश में पहले स्थान पर लखनऊ रहा, जिसका सूचकांक 349 है।

कल्याणी चौक

जानकारों की मानें तो वायुमंडल में पीएम 2.5 यानी महीन धूलकण मानक से 10 से 12 गुना अधिक घुल चुका है। यह स्थिति मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक मुजफ्फरपुर को वेरी पुअर का रिमार्क मिला है। प्रदूषण की वजह से दमा के रोगियों को सांस लेने में भी कठिनाई हो सकती है।

पटना दूसरे स्थान पर वेरी पुअर का रिमार्क

पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 नवंबर को जारी हुआ। इसके अनुसार बिहार में पटना 315 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। हालांकि पटना को भी वेरी पुअर का भी रिमार्क मिला है। वहीं दिल्ली को 311 अंक व गया को 142 अंक मिला है।

ठंड के मौसम में सड़कों के किनारे धूलकण की मोटी परत पड़ी रहती है। जिसकी पर पानी का छिड़काव नहीं होने से यह वायुमंडल में आसानी से घुल जाता है। जो सांस और दमा के पुराने मरीज हैं, उनके लिए तो यह घातक स्थिति होती है।

Input : Live Hindustan

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