बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान ने बिहार के सियासत में खलबली मचा दी है। इसे लेकर सिर्फ विपक्षी ही नही बल्कि राजद–जदयू गठबंधन भी आमने सामने आ गई है। वहीं इस मामले पर आरजेडी नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का भी बयान सामने आ गया है।

बिहार के वन्य और पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव से जब आरजेडी नेता चंद्रशेखर द्वारा दिए गए बयान को लेकर सवाल किया गया तो तेज प्रताप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘रामचरितमानस पर हम कोई टीका टिपण्णी नहीं करेंगे क्योंकि धार्मिक चीजें हैं, इस पर हम कुछ नहीं बोलेंगे।’
मालूम हो कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी।देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी।
इस घटना के बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ लोग भड़क उठे। बिहार ही नही बल्कि देश से भी उनके बयान की निंदा करने लगे और पद से हटाने की मांग की जाने लगी। शिक्षा मंत्री के खिलाफ मुजफ्फरपुर और किशनगंज जिले में हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए हैं।
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव पर एफआईआर दर्ज करने के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी को प्रार्थना पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने मंत्री पर रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने का आरोप लगाया है।