उत्तर बिहार में शराब सिंडिकेट चला रहे चुन्नू ठाकुर के करीबी रवि मास्टर व अमित कुमार को पुलिस ने कांटी के सदातपुर में एक ट्रक शराब के साथ पकड़ा। शराबबंदी के बाद पहली बार कुढ़नी निवासी रवि मास्टर की गिरफ्तारी हुई है जबकि वह कई जिलों में शराब के एक दर्जन से अधिक मामलों में वांटेड है। वैशाली निवासी अमित कुमार दूसरी बार धराया है। पिछले साल उसे मिठनपुरा में एक अपार्टमेंट में दबोचा गया था। उसके पास से मिली तीन डायरी में 100 करोड़ रुपये से अधिक के शराब के धंधे का हिसाब अंकित था।

डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद ने बताया कि सदातपुर में एक ट्रक शराब की खेप लेकर चुन्नू ठाकुर, रवि मास्टर और अमित कुमार समेत करीब 10 माफिया पहुंचे थे। इसकी सूचना मिलने पर छापेमारी की गई। इसमें चुन्नू ठाकुर व अन्य शराब माफिया फरार हो गये जबकि रवि मास्टर और अमित को मौके पर दबोच लिया गया। ट्रक से 1800 लीटर शराब बरामद की गई। इसमें रवि मास्टर, चुन्नू ठाकुर, अमित समेत 10 को नामजद करते हुए कांटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। छापेमारी टीम में एएलटीएफ प्रभारी मो. सुजाउद्दीन, कांटी इंस्पेक्टर संजय कुमार, एसआई राजू पाल, लाल किशोर, सिपाही राजीव रंजन, विक्रम कुमार व बिट्टू कुमार शामिल थे।
दिल्ली पुलिस को भी भेजी गिरफ्तारी की सूचना सरैया के अमित चौधरी की दिल्ली में हुई हत्या में भी रवि मास्टर वांटेड है। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी की सूचना दिल्ली पुलिस को दी है। अमित की दो साल पहले दिल्ली में हत्या के बाद शव को मथुरा रोड में फेंका गया था। शव फेंकने वाले टैक्सी चालक की गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने पर हुई थी। उससे पूछताछ के बाद अमित की हत्या का आरोप रवि मास्टर और चुन्नू ठाकुर पर लगा था। अमित चौधरी व मिथिलेश पहले चुन्नू ठाकुर गैंग के लिए काम करते थे। अमित चौधरी की हत्या के बाद मिथिलेश भी चुन्नू ठाकुर गिरोह से अलग हो गया। अब मिथिलेश और चुन्नू के बीच दुश्मनी चल रही है।
नेपाल व भूटान में चुन्नू ठाकुर का ठिकाना
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में रवि मास्टर ने बताया है कि चुन्नू ठाकुर ने नेपाल में अपना ठिकाना बना रखा है। मुजफ्फरपुर से वह नेपाल भागा होगा। नेपाल में उसके एक सहयोगी का फार्म हाउस है जिसे उसने छिपने का ठिकाना बना रखा है। इसके अलावा भूटान में भी उसका एक ठिकाना है। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि चुन्नू ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए नेपाल व भूटान से भी संपर्क करने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा जाएगा।
Source : Hindustan