नगर निगम अब 15 मीटर से ऊंची किसी इमारत का नक्शा नहीं पास करेगा। शहर में 10 मीटर से ऊंचे मकान के नक्शे को पास करने के लिए कई शर्तों को पूरा करना होगा। अब सड़क से सटे बिना खाली जमीन छोड़े ऊंची इमारतें नहीं खड़ी होंगी। निगम ऐसे मकानों का नक्शा नहीं पास करेगा। मुजफ्फरपुर के भूकंप के अति संवेदनशील क्षेत्र में शामिल होने के कारण मकानों के नक्शे में भूकम्परोधी मापदंड का अनुपालन किया गया है या नहीं, इसकी भी सख्ती से जांच होगी। निगम बोर्ड ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है।

अब शहर में 10 मीटर से ऊंची इमारत के लिए मकान के आगे जमीन को खाली छोड़ना जरूरी होगा। इसके बिना मकान का नक्शा ही नहीं पास होगा। यही नहीं, कुछ और शर्तों को भी पूरी करना होगा। वरीय नक्शा प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जी-3 से लेकर जी-5 तक के मकानों के लिए आगे जमीन छोड़ना अनिवार्य है। इसका निर्धारण सड़क की चौड़ाई के हिसाब किया जाना है। बताया कि अब 10 मीटर से ऊंचे मकान के आगे तीन से चार मीटर खाली जमीन छोड़नी ही पड़ेगी। ऐसा नहीं होने पर नक्शा पास नहीं होगा।

बिना नक्शे के बन रहे मकानों की होगी जांच : यही नहीं, ऐसे मकानों में बेसमेंट या पार्किंग नहीं होने पर नक्शा अटक सकता है। साथ ही निगम क्षेत्र में मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान जरूरी होगा। शहर में मनमाने व बिना नक्शे के बन रहे मकानों की भी जल्द जांच होगी। साथ नियमों का उल्लंघन की स्थिति में नोटिस जारी कर मकान मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके लिए सभी वार्ड के तहसीलदार जल्द ही अपने वार्ड में बने नए मकानों की सूची उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद नक्शा और बिल्डिंग वायलॉज के मापदंड के आधार पर निगम के अभियंता इन मकानों की जांच करेंगे।

Input:Live Hindustan

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