अपराधियों से जुर्म कबूल कराने और उनसे राज उगलवाने के लिए पुलिस थर्ड डिग्री नाम की विधा का भी उपयोग करती है, भले इसकी अनुमति कानून नहीं देता है। बावजूद ऐसी शिकायतें कई बार सामने आती रहती हैं। पुलिस पकड़ तो हल्की-फुल्की पिटाई के लिए तो अपराधी मानसिक रूप से तैयार रहते ही हैं, बात तब बढ़ती है, जब मामला गंभीर हो जाता है। ऐसा ही एक मामला शेखपुरा जेल में सामने आया है। जेल में विचाराधीन कैदी के साथ मारपीट और हाथ में कील ठोकने की शिकायत के बाद रविवार को एडीजे विवेकानंद ने शेखपुरा जेल जाकर जांच की। जेल अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को जेल में कैदी सोनू कुमार से पूछताछ कर जानकारी ली गई।

क्लोन चेक से रुपए निकालने के मामले में बंद है सोनू
एडीजे विवेकानंद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव भी हैं। प्राधिकार के सचिव की हैसियत से उन्होंने जेल में सोनू से पूछताछ की। सोनू जमुई जिले का रहने वाला है। बरबीघा कालेज का चेक का क्लोन बनाकर 20 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकासी के मामले में शेखपुरा जेल में बंद है। सोनू के पिता ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार में लिखित आवेदन देकर जेल में सोनू के साथ मारपीट करने तथा हाथ में कील ठोककर यातना देने की शिकायत की है। इसपर रविवार को प्राधिकार के सचिव ने जांच की।
रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है सिवान पुलिस
इधर, जेल अधीक्षक ने सोनू की शिकायत को गलत बताया। उन्होंने कहा कि सोनू पर फ्राड का केस सिवान जिले में भी हुआ है। सिवान मामले में वहां की पुलिस सोनू को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। सिवान जाने से बचने के लिए इस तरह का गलत आरोप लगाया गया है। जेल अधीक्षक ने बताया बरबीघा में हुए फ्राड में गिरफ्तारी के बाद सिवान की पुलिस ने मुंगेर जाकर सोनू से पूछताछ की थी। सोनू के साथ यह घटना जेल से बाहर की है, मगर शेखपुरा जेल पर आरोप मढ़ा जा रहा है।
Source: Dainik Jagran
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