बिहार में जैन और बौद्ध सर्किट के विकास पर 113.27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बोधगया में पर्यटन के विकास को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई।

Vaishali - Bihar
Photo by Ammaz Khan

मंगलवार को हुई बैठक में बोधगया में कल्चरल सेंटर के निर्माण और पटना साहिब व आसपास के क्षेत्रों में प्रसाद योजना के तहत अब तक हुए काम की  प्रगति की समीक्षा की गई। बताया गया कि जैन सर्किट के तहत वैशाली, आरा, पटना, राजगीर, पावापुरी, चंपापुरी आदि को बिहार में स्प्रिचुअल सर्किट के रूप में विकसित करना है। इसके लिए जगह-जगह साइनेज लगवाने पर 40.94 लाख रुपये और बैटरी चालित वाहनों के लिए 11.88 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। साउंड एंड लाइट शो पर 407.23 लाख रुपये और परिक्रमा पथ के निर्माण पर 170.47 लाख रुपये खर्च होंगे। सर्किट के रास्ते में जन सुविधा केंद्र, यात्रियों के लिए बेंच, सोलर स्ट्रीट लाइट, पार्किंग आदि के लिए योजना की स्वीकृति दे दी गई है।

Photo by The Anchit Sambhav

बताया गया कि बौद्ध सर्किट के विकास के लिए 98.73 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना इस साल सितंबर तक पूरी की जानी है। बोधगया में 98.73 करोड़ रुपये की लागत से एक कल्चरल सेंटर के निर्माण के लिए 19.75 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इसे सितंबर तक पूरा करना है। वहीं विष्णुपद में यात्री शेड का निर्माण कराया जा रहा है।

प्रसाद योजना के तहत पटना साहिब और आसपास के क्षेत्रों का समेकित विकास किया जाना है। इस योजना को स्वीकृति जनवरी 2016 में दी गई थी। 2017 जुलाई में योजना पूर्ण की जानी थी। इसमें 41.54 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, 33.23 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जा चुके हैं।

बैठक में पर्यटन विभाग के सचिव पंकज कुमार, मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव, बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल प्रसाद, पर्यटन मंत्रालय की सचिव रश्मि वर्मा और संयुक्त सचिव सुमन बिल्ला आदि मौजूद थे।

Input : Dainik Jagran

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