बंदरा में 15 फर्जी टीईटी शिक्षक पकड़े गए हैं। प्रखंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट से फर्जीवाड़े का पता चला है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। संदिग्ध शिक्षकों के प्रमाण पत्र मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने वैसे शिक्षकों से राशि वसूली की भी कार्रवाई का निर्देश दिया है।
प्रखंड शिक्षा अधिकारी ने गोपनीय तरीके से शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की। अधिकतर शिक्षकों के पिता के नाम में अंतर पाया गया है। विभागीय सीडी से चार शिक्षकों के नाम नहीं मिल रहे हैं। वहीं एक शिक्षक तो टीईटी प्रमाण पत्र ही नहीं दे पाया है।
8 पंचायतों में मिले फर्जी टीइटी शिक्षक : नियोजित शिक्षकों के कागजात की जांच में 8 पंचायतों के 15 शिक्षकों के कागजात संदिग्ध पाए गए। विभागीय सीडी से कागजात की जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया है। प्रखंड के तेपरी, हत्था , बड़गांव, नूनफरा, पटसरा, रामपुर दयाल, बंदरा, मुतलुपुर के शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं।
नियोजन इकाई से हुआ फर्जीवाड़ा : फर्जी शिक्षक नियुक्ति मामले में नियोजन इकाई को जिम्मेवार ठहराया गया है। क्योंकि, कागजात की जांच के बिना बहाली की गई। जबकि, प्रधान सचिव ने कागजातं की जांच के बगैर बहाली नहीं करने का आदेश दिया था। बहाली की प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व नियोजन इकाई को सीडी दी गई थी। औपबंधिक सूची तैयार करने से पहले टीईटी का मिलान करना था। बावजूद फर्जी शिक्षकों की बहाली कर ली गई।
अब तक 335 शिक्षक मिले फर्जी : तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के निर्देश पर टीईटी की जांच शुरू हुई। काफी जद्दोजहद के बाद जांच की कार्रवाई हुई। जिसमें 335 शिक्षकों के प्रमाणपत्र संदिग्ध पाए गए। सबसे अधिक मीनापुर प्रखंड में फर्जी शिक्षकों का भंडाफोड़ हुआ था। जिलाधिकारी के निर्देश पर इन शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। अब राशि वसूली को लेकर प्रक्रिया चल रही है।
Input : Dainik Jagran