अब अमेरिका, इंग्लैंड जैसे यूरोपियन देशों की तर्ज पर पटना में भी इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से यह बहुत बड़ा निर्णय होगा। इलेक्ट्रिक से चलने वाली ये अत्याधुनिक बसें पूरी तरह स्वचालित होंगी। इसकी बैट्री को लगातार रिचार्ज करने का भी संयत्र लगा रहेगा जिससे पॉवर कभी भी कम नहीं होगा। ये बसें पूरी तरह वातानुकूलित होंगी। बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को इलेक्ट्रिक बसों के खरीदने का प्रस्ताव भी भेज दिया है।
बिहार सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है। अब धुआं उगलने वाले वाहनों के बदले बैट्री अथवा इलेक्ट्रिक से चलने वाले गाडिय़ों के परिचालन पर अधिक जोर रहेगा।
स्मार्ट सिटी की राह में धुआं उगलने वाली गाडिय़ां बाधा बन रही हैं। इसी क्रम में इलेक्ट्रिक से चलने वाली बसों को चलाने का प्रस्ताव लाया गया है।
एक बस की लागत 1.67 करोड़ होगी। इसमें 60 फीसद राशि स्मार्ट सिटी के फंड से मिल जाएगी तथा शेष 40 फीसद राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। परिवहन अधिकारियों की मानें तो इस तरह की गाडिय़ों के लिए उत्तम क्वालिटी की सड़कें बनानी होंगी। अभी केवल मुंबई व हिमाचल सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन की योजना बनाई गई है। दिल्ली में भी इस तरह की बसें शीघ्र चलने की संभावना है। बिहार सरकार की ओर से भी प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।
क्या होगी खासियत
बस की लंबाई 12 मीटर होगी तथा यह पूरी तरह से वातानुकूलित होगी। इसकी चौड़ाई 3 मीटर के आसपास होगी। इसमें 160 किलोवाट का मोटर लगा होगा। लिथियम बैट्री होगी। 28 किलोवाट की एयरकंडीशन प्रणाली होगी। इन बसों में स्वचालित दरवाजे लगे होंगे जो बस रुकने के बाद ही चालक की मर्जी से खुलेंगे। बस खुलते ही दोनों दरवाजे बंद हो जाएंगे। इनकी अधिकतम गति को नियंत्रित कर चलाया जाएगी। एक बार चार्ज करने पर बस ढाई सौ किमी तक चल सकती है।
पटना को स्मार्ट सिटी बनाने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए बैट्री चालित वाहनों को बढ़ावा देने की योजना है। परिवहन विभाग की ओर से राजधानी में इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। इसके लिए पर्याप्त राशि भी केन्द्र से ही मिलने की संभावना है। प्रस्ताव पर अनुमति मिलते ही इस तरह की बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। – संजय अग्रवाल, परिवहन आयुक्त, बिहार।
Input : Dainik Jagran