गर्मी आने से पहले बिहार में लोगों को पसीना छूटने लगा है। सबसे अधिक पसीना एसी में रहने वालों को बिल जमा करने में छूटेगा। बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग बुधवार की सुबह बिजली की नयी दरों का एलान किया। इसमें पांच प्रतिशत की वृद्धि की गई है। नयी दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।
बिजली बिल में ओवरऑल 5 फीसद की वृद्धि की गई है। उद्योग की टैरिफ में 9.29 फीसद की वृद्धि की गई है। सभी स्लैब में औसतन 5 फीसद की वृद्धि हुई है। फैसला जीरो सब्सिडी के आधार पर किया गया है। 100 यूनिट तक 40 पैसे की बढ़ोतरी, 100 से 200 तक 45 पैसा बढ़ोतरी और 200 से ऊपर यूनिट पर 55 पैसा की बढ़ोतरी की गई है। बिजली बिल के फिक्स चार्ज पर किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
बिजली दर बढ़ने के बाद ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बढ़े हुए के दरों पर सरकार सब्सिडी देगी। बढ़े दरों के आदेश की प्रति मिलने पर सब्सिडी पर फैसला होगा। उपभोक्ता बढ़े हुए दाम को लेकर घबराएं नहीं।
वहीं, बिजली टैरिफ के बढ़ोतरी पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार लगातार महंगाई बढ़ा रही है। बिजली का दाम भी बढ़ा रहा है, यह ठीक नहीं है।
कांग्रेस ने भी बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का विरोध किया है। कांग्रेस ने बढ़ोत्तरी को वापस लेने की मांग की है। विनियामक आयोग ने बिजली कंपनी द्वारा नयी टैरिफ याचिका पर आम लोगों के साथ-साथ कई संगठनों से इस बारे में विमर्श किया था। व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों ने पटना में नये टैरिफ के प्रस्ताव पर अपने विचार विनियामक आयोग की जन सुनवाई के दौरान रखे थे।
पिछले वर्ष विनियामक आयोग की अनुशंसा के बाद राज्य सरकार ने अलग-अलग स्लैब में सब्सिडी की घोषणा की थी। यही नहीं, संबंधित उपभोक्ता को उसके बिजली बिल पर कितने रुपए की सब्सिडी दी जा रही है इसका जिक्र भी अब बिजली बिल पर अंकित किया जा रहा है।
विद्युत विनियामक आयोग ने जन सुनवाई के दौरान इस आशय के प्रस्ताव पर काफी गंभीरता दिखाई थी कि जिन जगहों पर बिजली उपभोक्ता बिजली बिल के भुगतान के लिए जाते हैैं वहां आम सुविधाएं जैसे बैठने की व्यवस्था, पंखा व पेयजल आदि का इंतजाम हो।
Input : Dainik Jagran