संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 2020 की हुई अंतिम परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें बिहार के युवाओं ने परचम लहराया है. जमुई के प्रवीण को 7वां और सहरसा के मनीष को 581वां रैंक मिला है. जमुई के चकाई निवासी सीताराम वर्णवाल के बेटे प्रवीण कुमार की इस उपलब्धि से जिले में खुशी है. प्रवीण की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जसीडीह स्थित रामकृष्ण विद्यालय से हुई थी. बाद में उसने पटना से सीबीएसई बोर्ड से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की.

कानपुर आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद दो साल से दिल्ली में रहकर प्रवीण यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. उसे दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली है. प्रवीण ने बताया कि उसने बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में अपनी च्वाइस दी है. अगर बिहार में नौकरी करने का मौका मिला तो उन्हें अपनी माटी की सेवा करने में काफी खुशी होगी. प्रवीण की इस सफलता पर मां वीणा देवी, पिता सीताराम वर्णवाल फूले नहीं समा रहे हैं.

वहीं सहरसा के मनीष कुमार को यूपीएससी में 581वां रैंक मिला है. साधारण परिवार से आने वाले मनीष के पिता मुसाफिर सिंह एक दवा दुकान में सेल्समैन की नौकरी कर परिवार चलाते थे. 2010 में उनका निधन हो गया. फिर पूरे परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी मनीष पर आ गई. छोटे उम्र से ही मनीष ने प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाकर परिवार चलाया. पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास की है. सहरसा के न्यू कॉलोनी स्थित मध्य विद्यालय से 8वीं पास कर जिला स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की. सर्वनारायण सिंह, रामकुमार सिंह महाविद्यालय से स्नातक की शिक्षा 2013 में ली.

Source: Prabhat Khabar

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