पटना में शनिवार दोपहर को मुख्यमंत्री नितीश के आवास के सामने जमकर हंगामा हुआ। दरअसल बांका में होली के दिन हुई निर्भया जैसे दरिंदगी की शिकार बच्ची के लिए न्याय मांगने पीड़िता के पिता, चाचा और एंटी रेप एक्टिवीस्ट योगिता भयाना मुख्यमंत्री नितीश कुमार से मिलने पहुंचे थे। लेकिन सीएम से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, जिसके बाद वे लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस पर वहाँ मौजूद पुलिस ने जबरन पुलिस की जीप में डालकर थाने ले कर चले गए।

इस दौरान पुलिस और एंटी रेप एक्टिवीस्ट योगिता भयाना के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया। योगिता भयाना ने पुलिस पर बदतमीजी करने का भी आरोप लगाया हैं।

पुलिस ने कहा- मिलने की होती हैं प्रक्रिया

वहीं इस मामले पर पुलिस ने कहा, ‘सीएम हाउस हाई सिक्योरिटी जोन में आता हैं। ये धरना प्रदर्शन करने का इलाका नहीं है। सीएम से मिलने की एक प्रक्रिया होती हैं. उसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी हीं।’

होली के दिन हुई थी मासूम के साथ हैवानियत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 मार्च को बांका जिले के चांदन थाना क्षेत्र में 8 साल की मासूम अपने भाई व दोस्तों के साथ बाहर होली खेल रही थी। तभी कुछ लोग आए और बच्ची को उठाकर भाग गए। जिसके बाद पीड़िता के 5 साल का छोटा भाई घर आकर बताया कि, दीदी को कुछ लोग जबरदस्ती लाल रिक्शा पर उठाकर ले गए। इस बात की सूचना मिलते हीं परिजनो ने तलाश शुरू की। तलाश करते करते परिवार वाले रात करीब 11:30 बजे चांदन रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे, तो वहाँ एक नाले के ऊपर कई सारे कुत्ते घूम रहे थे। कुछ शक होने पर नाले में घुसकर देखा तो बालू के नीचे एक लाश दिखाई दी। और जब बालू से लाश बाहर निकाला गया तो वहीं मासूम बच्ची थी। मृत बच्ची को देखते ही परिजन चीखने लगे।

बच्ची की आँख भी फोड़ दी थी

बच्ची के साथ दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी आंखें भी फोड़ दी थी। शव पर कपड़े भी नहीं थे। वहीं इस अमानवीय घटना के बाद पुलिस ने अब तक 3 दरिंदों को गिरफ्तार किया हैं। और बाकी की तलाश कर रही हैं।

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