आपने अभी तक अपने आधार नंबर को बैंक अकाउंट, मोबाइल फोन या फिर किसी और सरकारी सेवा से लिंक नहीं कराया है तो परेशान ना हो। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आधार नंबर को विभिन्न सेवाओं के साथ लिंक कराने की डेडलाइन बढ़ा दी है। आधार लिंकिंग को लेकर मंगलवार को देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई हुई। इस अहम सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ कहा कि जब तक इस पर फैसला नहीं आ जाता तब तक विभिन्न सेवाओं के साथ आधार लिंकिंग अनिवार्य नहीं है।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि सरकार आधार लिंकिंग पर किसी को बाध्य नहीं कर सकती। हालांकि, अदालत ने ये भी कहा कि लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी के मामलों मे आधार लिंक की समय सीमा पहले की तरह लागू रहेगी।

31 मार्च थी डेडलाइन

गौरतलब है कि आधार को बैंक खाते, मोबाइल नंबर और तमाम सेवाओं से लिंक कराने की समय सीमा 31 मार्च तक थी। सरकार के मुताबिक हर बैंक खाते को 12 डिजिट के यूनीक आईडेंटिटी नंबर (आधार) के साथ 31 मार्च 2018 तक हर हाल में जोड़ा जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं आधार कार्ड को पैन से जोड़ा जाना भी अनिवार्य है। ऐसा न करने पर आपका आईटीआर रिटर्न स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। वहीं अगर आप अपने बैंक खाते से आधार को लिंक नहीं कराएंगे तो आपके बैंक खाते को फ्रीज भी किया जा सकता है।

16.65 करोड़ पैन और 87.79 बैंक अकाउंट ही हुए लिंक

वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि 5 मार्च तक आधार को पैन से जोड़े जाने की जो संख्या है वो सिर्फ 16,65,82,421 है। वहीं दो मार्च के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 87.79 बैंक खाते (करेंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट) ही ऐसे हैं जो कि आधार से लिंक कराए गए हैं। वहीं मार्च 2 तक कुल 6,811 आधार एनरोल्मेंट और अपडेशन सेंटर बैंक ब्रांच में संचालित कर दिए गए हैं।

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