जर्जर वाहनों में बच्चों को भेड़ – बकरियों की तरह ठूंस कर स्कूल ले जाने वाले प्रबंधन के खिलाफ अब प्रशासनिक शिकंजा कसेगा। नौनिहालों की ¨जदगी के साथ खिलवाड़ करने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बगहा के एसडीएम घनश्याम मीना ने सख्त कदम उठाया है। अब स्कूलों में चलने वाले वाहनों की फिटनेस की जांच होगी। वाहन के निबंधन एवं चालक की दक्षता के बारे में जानकारी ली जाएगी। भाड़े के जर्जर वाहन स्कूल प्रबंधन की ओर से लेकर उसी से बच्चों को उनके घर से लाया और ले जाया जाता है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से अनुमंडल के सभी प्रखंडों में वाहनों की फिटनेस की जांच कराने का आदेश दिया गया है। एसडीएम ने बताया कि शिकायत मिल रही है कि कतिपय स्कूल में जर्जर वाहनों को संचालित किया जाता है। बगैर प्रशिक्षण प्राप्त चालक वाहन चलाते हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। इसको लेकर पहले स्कूल प्रबंधन को अलर्ट किया जाएगा। अगर किसी स्कूल में इस तरह की व्यवस्था संचालित है तो उसे प्रबंधन तुरंत बंद करे। अन्यथा पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वाहनों की हालत देख लगता है डर
अभिभावक संजय ¨सह, मनोज कुमार, रोहित प्रसाद, कमलेश तिवारी का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने वाले वाहनों की हालत देख कलेजा मुंह को आ जाता है। कई स्कूलों में जुगाड़ से बनाई गई वाहनों से बच्चों को ढोया जाता है। कुछ विद्यालयों में पुरानी बसें बच्चों को लाने और पहुंचाने में लगाई गई हैं। कहीं-कहीं तो रिक्शा से भी बच्चे आते-जाते हैं। इन वाहनों में बच्चों की हालत देख रोना आता है। लेकिन मजबूरी है कि बच्चों को पढ़ाना है, सो दिल पर पत्थर रख कर बच्चों को ऐसे जर्जर वाहनों में बैठाना पड़ता है। दरअसल, स्कूलों प्रबंधनों ने जर्जर बसों को ही स्कूल वाहन बना रखा है। अधिकांश स्कूल बसों में मानक से अधिक बच्चे बिठाए जाते हैं। नियमानुसार सीट के अनुपात में ही बच्चों को बिठाया जाना चाहिए। लेकिन बसों में एक सीट पर तीन-तीन बच्चों को बिठाया जाता है। इससे खतरे की आशंका बनी रहती है। दूसरी ओर विद्यालयों के बसों की फिटनेस जांच भी समय-समय पर नहीं होने से खतरे की आशंका बनी रहती है। बता दें कि नगर क्षेत्र में करीब दो दर्जन ऐसे विद्यालय संचालित हैं जिनके पास अपने वाहन हैं। इन विद्यालयों के प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत हद तक जागरूक नहीं हैं।
Input : Dainik Jagran