एसकेएमसीएच में भर्ती दो बच्चों में बुधवार को जांच के बाद इंसेफेलाइटिस (एईएस) की पुष्टि हुई। वहीं, इससे मिलते-जुलते लक्षण वाले एक बच्चे की मौत हो गई। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजमोहन ने सरकार को इसकी रिपोर्ट भेज दी है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर-नवंबर 2017 व फरवरी 2018 में भी एईएस पीड़ित एक-एक बच्चे भर्ती हुए थे। एसकेएमसीएच में एईएस से मिलते-जुलते लक्षण वाले चार बच्चे भर्ती हैं। इनमें पीआईसीयू में भर्ती सीतामढ़ी के सुरसंड की नंदनी कुमारी और कटहां मेहसी की सोनम कुमारी में एईएस की पुष्टि की गई है। वहीं पूर्वी चंपारण के बंजरिया के खैरा गांव निवासी मुकेश मांझी के दो वर्षीय पुत्र आकाश कुमार को मंगलवार शाम में भर्ती कराया गया। आकाश तेज बुखार व चमकी से पीड़ित था। बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसमें हर्पिस नामक बीमारी बताई है। यह बीमारी भी इंसेफेलाइटिस से संबंधित है।

AES, Muzaffarpur

पीएचसी में बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं 

इधर, मार्च के अंतिम सप्ताह में ही दो बच्चों में एईएस की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ व डब्लूएचओ में हड़कंप मच गया है। तीनों विभाग ने इस बीमारी से बचाव की रणनीति बनाने के लिए बुधवार को आपात बैठक की। बैठक में दो दिनों के अंदर पीएचसी से लेकर जिलास्तर तक के अस्पतालों में कमियों को पूरा करने का निर्णय लिया गया। माड़ीपुर स्थित एक होटल में आयोजित बैठक में डब्लूएचओ व यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने कहा कि पीएचसी में बीमारी से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कई जगह बेड, ग्लूकोमीटर, स्ट्रिप व अन्य आवश्यक संसाधन नहीं है। बैठक में बीमारी से बचाव के लिए प्राथमिक स्तर पर इलाज सबसे आवश्यक है।

Input : Dainik Bhaskar

Previous articleमुजफ्फरपुर की 23 वर्षीय बेटी की शिलोंग में निर्मम हत्या
Next articleमुजफ्फरपुर : एटीएम फ्रॉड गिरोह ने कार्ड बदल तीन लोगों के खाते से 70 हजार उड़ाए 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here