एनएच पर होने वाली हर दुर्घटना के बाद प्रशासन हरकत में आता है। विशेष अभियान चलाया जाता है। लेकिन, पूरे जोश के साथ शुरू होने वाला अभियान अगले ही दिन दम तोड़ देता है। इसका खामियाजा आम लोगों के भुगतना पड़ता है। लोगों की सुविधा के लिए एनएच-28 को फोरलेन किया गया। वहीं, गोबरसही से सदातपुर-कांटी तक एनएच किनारे सर्विस लेन बनाई गई। लेकिन, यातायात में एनएच का मात्र एक-एक लेन ही उपयोग में आता है। एनएच पर अवैध रूप से खड़े ट्रकों के कारण ऐसा होता है। वहीं, सर्विस लेन पर गैरज संचालकों का कब्जा है। सदातपुर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास नौ मई को हुई दुर्घटना के बाद डीएम मो. सोहैल ने एनएच को नो पार्किंग जोन बनाने के लिए आदेश दिया था। आदेश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए परिवहन विभाग के अधिकारी ने 48 वाहनों का चालान काटकर अवैध पार्किंग हटाया। लेकिन, अधिकारियों के जाने के कुछ घंटों के बाद स्थिति पहली जैसी हो गई।
सख्ती के साथ नहीं चलाया जाता अभियान
वरीय अधिकारी के आदेश के बाद अभियान तो चला, लेकिन इसमें सख्ती नहीं दिखी। कार्रवाई के आदेश के बाद पहले दिन एनएच पर खड़े ट्रक का चालान काटा गया। लेकिन, सर्विस लेन पर कब्जा जमाए गैरेज संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीएम ने आरसीडी व एनएचएआई के कार्यपालक अभियंताओं को संकेतक लगाने का निर्देश दिया था। इनको सहयोग के लिए डीटीओ को कहा गया था। वहीं, नो पार्किंग जोन बनाने के लिए नगर डीएसपी, अहियापुर, ब्रह्मपुरा व सदर थानेदारों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन, आदेश के बाद अबतक सिर्फ परिवहन विभाग ने ही एक दिन अभियान चलाया।
Input : Live Hindustan