लगभग चार दशक बाद शहर के लेनिन चौक का नाम बदल खोभारी साह चौक करने की कवायद शुरू हुई है. चुनाव में लोगों से किये गये वादे के अनुरूप वार्ड नंबर 27 के पार्षद अजय कुमार ओझा ने चौक का नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार कर मेयर व उपमेयर को सौंपा है. निगम बोर्ड में अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो फिर से लेनिन चौक को लोग खोभारी साह चौक के नाम से जानने लगेंगे. हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है.
पार्षद ओझा ने बताया कि चार दशक पहले जिस वक्त लेनिन चौक पर कुछ नहीं था. उस वक्त एक किराना का दुकान हुआ करता था. जिसे स्थानीय खोभारी साह चलाते थे. वे किराना के दुकान के माध्यम से गरीबों को मदद करते थे. लोगों ने उन्हें एक सच्चा समाजसेवी करार देते हुए उनके जिंदा रहते वर्तमान लेनिन चौक का नाम खोभारी साह चौक रख दिया था. ओझा का दावा है कि बाद के दिनों में कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक रामदेव शर्मा ने अपने कार्यकाल में खोभारी साह चौक पर लेनिन चौक का बोर्ड लगवा दिया. इसके बाद से लोग इसे लेनिन चौक के नाम से जानने लगे. हालांकि कई बार इस चौक का नाम बदलने की मांग उठती रही है. जब त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा तोड़ी गयी, तब भी लेनिन चौक का नाम बदलने की मांग उठी थी.
विरोध में उठे स्वर. इधर, भाकपा (माले) के जिला सचिव कृष्ण मोहन ने बताया कि समाज सेवा व गरीबों के हक की बात की जाये तो लेनिन से ऊपर कोई नहीं है. किसी व्यक्ति को लगता है कि खोभारी साह बड़े समाजसेवी थे, तो आसपास के किसी चौक को उनके नाम से कर दिया जाये. लेनिन चौक का अगर नाम बदलता है, तब इसका विरोध किया जायेगा.
Input : Prabhat Khabar