जानकारी के लिए बता दू की ऐनआइओएस जो सरकार की एक इकाई संस्था है उसके द्वारा देश के सभी निजी और सरकारी शिक्षक को ट्रेंड करने के लिए बहुत ही सस्ते दरों पर डी.एल. एड का कोर्स कराया जा रहा है। सुचना है कि इसके प्रथम वर्ष की परीक्षा 27 से 29 अप्रैल को होनी है उसी को लेकर सभी स्टडी सेंटर पर इस कोर्स के पांच पेपर के अस्सीन्मेन्ट पेपर और एएसबीए पेपर जमा कराए जा रहे है क्योंकि ऐनआइओएस का आदेश है कि 25 अप्रैल तक सभी शिक्षकों के असाइनमेंट का मार्किंग कर ऐनआइओएस को भेज देना है।
इसी बीच बहुत सारे शिक्षको ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर सहित पूरे बिहार के बहुत सारे स्टडी सेंटर पर 2000 से लेकर तीन हजार पर मांगे जा रहे है।
सुनिये इस रिकॉर्डिंग में कैसे बलिराम उच्च विद्यालय सकरा के केंद्र समन्वयक साहब कह रहे है की फोन पर क्या बात करते हो सामने आइये सब व्यवस्था हो जाएगा।इतने बुरबक है का ई सब बात फोन पर होता है क्या?अरे आइये कभी आवास या कही पर भी भेट कर लीजिए काम हो जाएगा। जितना नंबर चाहिए मिल जाएगा।
शिक्षक के पूछने पर स्टडी सेन्टर के समन्वयक कहतें है कि अगर पैसा दोगे तो 23 से 26 के बीच नंबर दिए जाएंगे नही देने पर तो 12 से 13 नंबर दे दिए जाएंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत करने के नाम पर कहते है कि उनको भी हिस्सा देना है।
इस बात को लेकर निजी शिक्षक काफी परेशान है उनका कहना है कि हमलोगों को 2500 से तीन हजार तक महीना ही मिलता है और अगर हम इन्ही को 2500 घुस दे देंगे तो फिर इतना पैसा कहां से लाएंगे। जबकि ऐ सिर्फ तीन पेपर के लिए ही पैसे मांगे जा रहे अभी 7 पेपर बाकि है।और अभी एस बी ए और वर्कशॉप में दक्षिणा देने का कार्य अभी बाकी ही है।
आखिर हर पेपर में हमलोग इतना पैसा कहा से देंगे जिसका कोई औचित्य ही नही है। कुछ कहने पर डराया जाता है कि फेल कर देंगे। इससे सभी शिक्षकों में काफी डर का माहौल है।
शिक्षको को कुछ समझ नही आ रहा की ओ इस मामले को लेकर जाए कहां। इसलिये पैसे देने को मजबूर हो रहे है। सवाल यह है कि आखिर जब इतना पैसा घुस में देना ही पड़ेगा तो फिर सरकार द्वारा इतने सस्ते दर पर यह कोर्स कराने का क्या फायदा।सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए।जब पैसे से ही नंबर दिए जाएंगे तो फिर मेरिट का क्या औचित्य।