अधिकतर एटीएम में कैश नहीं और जहां कैश है वहां लोगों की लंबी कतार नोटबंदी के समय की पीड़ा की याद दिला रहा है। जिस समय नोटबंदी की घोषण हुई थी ऐसे ही कैश के लिए बेचैन लोग एटीएम का चक्कर काटते थे। जहां कैश होने की सूचना मिलती थी वहां लंबी कतार लग जाती थी। कुछ को रुपये मिलते थे तो अधिकतर खाली हाथ लौटते थे। कुछ ऐसी ही हालत एटीएम की हो गई है। पचास फीसद से अधिक एटीएम अघोषित रूप से बंद हो चुके हैं। ये ऐसे एटीएम हैं जहां पिछले कई महीनों से कैश नहीं डाले गए। जो एटीएम चालू थे उनकी हालत भी पिछले काफी दिनों से खस्ता है। इनमें से चालीस फीसद को कैश नसीब नहीं हो रहा है। दस फीसद में जहां कैश डाले जा रहे हैं वो लोगों की जरुरतें पूरी नहीं कर पा रहे हैं। मिठनपुरा एसबीआई के एटीएम की कतार में खड़े मनोज भगत, शंभु सिंह, उर्मिला देवी, पंकज सिंह, पवन झा, सोनू कुमार, प्रियंका कुमारी ने बताया कि नोटबंदी के समय की पीड़ा लौट आई है। उस समय भी ऐसे ही रुपये के लिए बेचैनी थी, अब भी लोग कैश के लिए परेशान हैं। नोटबंदी से पूर्व जिले में विभिन्न बैंकों के करीब 400 एटीएम थे। इनमें अधिकतर में हर समय कैश होते थे, मगर अब अधिकतर कैश के बिना डेड हो गए हैं।

कैश की मांग पूरी नहीं : जिले को आवश्यकता के अनुसार कैश नहीं मिल पा रहा है। डिमांड का 20-25 फीसद ही कैश मिल रहा है। इससे जिले में कैश का संकट गहराता जा रहा है। बैंकों से भी कैश गायब हो रहे हैं। ग्राहक द्वारा जमा होने वाले कैश ही दूसरे ग्राहकों को देने की नौबत है। जानकारों के अनुसार जिले को प्रतिदिन करीब दो हजार करोड़ कैश की आवश्यकता है, मगर मात्र 300 से 400 करोड़ ही मिल रहे हैं। पचास व बीस के नोट : आरबीआई बड़े नोट काफी कम मात्रा में दे रही है। 2000, 500 एवं 200 के नोट नाममात्र के मिल रहे हैं। 50 एवं 20 के नोट ही मिल रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक के डीजीएम अनिल ग्रोवर ने कहा कि बड़े नोट काफी कम मिलने से एटीएम संचालन में काफी परेशानी हो रही है। एटीएम के लिए बड़े नोट चाहिए। सेंट्रल बैंक के वरीय क्षेत्रीय प्रबंधक एके मिश्रा ने बताया कि अधिकतर लोग छोटे नोट लेने से परहेज कर रहे हैं। कैश की कमी से काफी परेशानी हो रही है।
‘कैश नहीं’ का बोर्ड : कैश को लेकर पीड़ा अब लोगों के लिए असहनीय हो चुकी है। बैंक से बार-बार लौटने वाले लोग अब उग्र हो रहे हैं। वे बैंक अधिकारियों व कर्मियों से उलझ रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति काफी भयावह है। मारपीट की सूचना वरीय अधिकारियों तक पहुंच रही है। एलडीएम डा. एनके सिंह ने कैश नहीं रहने पर मोटे अक्षरों से ‘कैश नहीं’ लिख कर टांगने का निर्देश दिया है। साथ ही अप्रिय घटना होने की स्थिति में संबंधित थाने को सूचित करने को कहा है।
Input : Dainik Jagran