बाबा गरीबनाथ मंदिर को उड़ाने की धमकी देने वाले शंभूनाथ मिश्र की करीब तीन साल बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे मामला लंबित पड़ा है। लंबित मामलों के समीक्षा के दौरान डीआइजी अनिल कुमार सिंह ने केस के आइओ को कई बिंदुओं पर निर्देश दिए थे। साथ ही फरार आरोपित की अविलंब गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा था। डीआइजी की समीक्षा के बाद नगर थानेदार सुजाउद्दीन ने केस के आइओ के साथ बुधवार को नगर थाने पर बैठक कर पूरे मामले में आगे की कार्रवाई की रणनीति तैयार की। बता दें कि नवंबर 2015 में तत्कालीन एसएसपी रंजीत मिश्र के सरकारी मोबाइल समेत पटना के मीडियाकर्मियों के मोबाइल पर बाबा गरीबनाथ मंदिर को उड़ाने की धमकी भरा मैसेज भेजा गया था।

इसमें बिहार में कई जगहों पर विस्फोट की धमकी दी गई थी। मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। मोबाइल कॉल डिटेल्स के आधार पर पटना व मुजफ्फरपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर वैशाली जुड़ावनपुर से संजीव रंजन सिंह, राजीव रंजन व वीरपुर से संतोष कुमार को गिरफ्तार किया था। इन तीनों ने पूछताछ में पूरे प्रकरण का सूत्रधार और मास्टर माइंड शंभूनाथ को बताया था। वह फरार चल रहा है। तीनों आरोपितों को पूछताछ के बाद जेल भेजा गया था। पुलिस का कहना है कि एसएमएस भेजने में फर्जी कागजात का भी सहारा लिया गया था। इसके मद्देनजर सिम कार्ड बेचने वाले इन आरोपितों को भी पकड़ा गया था। पुलिस की जांच में पता चला कि संजीव रंजन के नाम से निर्गत सिम कार्ड का इस्तेमाल धमकी देने के मामले में किया गया था।
Input : Dainik Jagran