भागलपुर जिले मे बिहपुर के सोनवर्षा गाँव के निवासी 42 वर्षीय सर्वेश कुमार ने 7 वर्ष पहले 200 रुपए कर्ज लेकर मशरूम की खेती की शुरूवात की थी। और वे चार वैरायटी के मशरूम उत्पादन करके करीब 10 लाख रुपए से भी ज्यादा सालाना कमाई कर रहे हैं। सर्वेश बेहद गरीब परिवार से आते हैं लेकिन वे अपनी मेहनत और लगन से इलाके के किसानों के लिए नए मिसाल कायम की हैं। भागलपुर मे अब वे ‘मशरुम मैन’ के नाम से जाने जा लगे हैं। मशरूम की खेती के साथ अब वे लोगों को मशरुम उत्पादन के लिए प्रशिक्षित भी कर रहे हैं।

मजदूरी करने गए थे देहरादून

सर्वेश कुमार के पिता भी किसान थे। लेकिन पारंपरिक खेती से बहुत कम कमाई हो रही थी। इसलिए वे साल 2015 मे मजदूरी करने के लिए बिहार से देहरादून चले गए थे। तभी वहाँ मशरूम की खेती देखा और अपने घर वापस आ गए। वापस आने के बाद किसी जानकार की तलाश करने लगे। फिर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर पहुंचे और कृषि वैज्ञानिक अनिता कुमारी से संपर्क किया। जिसके बाद अनिता कुमारी से प्रशिक्षण लेने के बाद एक पारिवारिक सदस्य से 200 रुपए कर्जा लेकर मशरूम के बीज खरीद कर घर मे उगाये।

4 प्रकार का मशरूम उगाते हैं

सर्वेश कुमार के अनुसार वे शुरू मे मात्र 200 रुपए की व्यवस्था करके खुद से घर में मशरूम उत्पादन की शुरुवात किए थे। जिसके उत्पादन लगातार बढ़ता गया। और आज वे 4 प्रकार के मशरूम उगा रहे हैं, जिसमें ओएस्टर, मिल्की मशरूम, बटर मशरूम व ब्रॉउन बटर मशरूम शामिल हैं। इससे वे सालाना करीब दस लाख की कमाई कर रहे हैं।

ब्रॉउन बटर मशरूम 1200 रुपए प्रति किलो

सर्वेश ने बताया की, ब्रॉउन बटर मशरूम का उत्पादन हरियाणा में बहुत बड़े पैमाने पर होता हैं। लेकिन अब ब्रॉउन बटर मशरूम का स्वाद भागलपुर समेत पूरे बिहार के लोग ले रहे हैं। ब्रॉउन बटर मशरूम की खेती अब तक हरियाणा, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में हीं होती थी। लेकिन अब इसका स्पॉन मंगाकर पांच क्विंटल कम्पोस्ट में खेती कर रहे हैं। इससे वे सवा क्विंटल ब्रॉउन बटर मशरुम का उत्पादन किए हैं। और अभी इसे 1200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा हैं।

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