तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने रविवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम कर दिया। जयपुर से किसानों के कूच की खबर मिलते ही हरियाणा ने रेवाड़ी में धारा 144 लागू कर दी थी, उसके बाद भी किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम कर दिया। हरियाणा-राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी जाम रहा। खबर है जल्द किसानों और केंद्र सरकार के बीच वार्ता हो सकती है, उससे पहले किसान प्रदर्शन और तेज कर दिया है। अब किसान सोमवार को देश में सभी जिला मुख्यालयों पर धरने देंगे, साथ ही सभी बॉर्डरों पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल करेंगे। वहीं, प्रदर्शन के कारण रेलवे ने अजमेर-अमृतसर व डिब्रुगढ़-अमृतसर एक्सप्रेस (अप/डाउन) को रद्द कर दिया है।
कुंडली बॉर्डर पर किसानों की बैठक में हुए 4 बड़े फैसले
{ हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया, ‘भारतीय किसान यूनियन (भानू) का संयुक्त मोर्चे से कोई लेना-देना नहीं है। वो सरकार से मिले हुए हैं। मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा।’{ किसान संगठनों के मुखिया सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक डीएम और एसडीएम दफ्तरों के बाहर और अपनी-अपनी सीमा के बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।{ राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह को उनके संगठन ने पदमुक्त कर दिया है। वीएम ने कहा था बाकी संगठन सरकार से वार्ता करें न करें पर हम तैयार हैं।{ किसानों नेताओं ने कहा आंदोलन के संबंध में जो भी फैसला कुंडली बॉर्डर से होगा, वही अंतिम माना जाएगा।
किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। अभी तक शाह की किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, पर अब हर मुद्दा वे खुद देख रहे हैं। इसे लेकर पिछले दो दिन में शाह 5 से ज्यादा बैठक कर चुके हैं। सरकार हर राज्य के किसानों के लिए अलग रणनीति बना रही है। किसानों को मनाने और प्रदर्शन खत्म कराने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों सभी से अलग-अलग बात करेंगे। लेकिन, पंजाब के किसान नेताओं की जिम्मेदारी अमित शाह ने अपने पास रखी है।
…इधर, बिहार में भाजपा ने कानूनों के समर्थन में पहली चौपाल लगाई। {यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की एकता को चुनौती दी जा रही है। ये अस्वीकार्य है।