किशनगंज में तैनात छपरा निवासी BSF जवान राहुल कुमार सिंह (उम्र 30 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई थी। आज उसका शव एकमा के आमडाढ़ी गांव पहुंचा तो इलाके में मातम छा गया। गांव के लोगों और परिजनों ने ‘जय हिंद’ व ‘शहीद राहुल अमर रहे’ के नारे भी लगाए। जवान को श्रद्धांजलि देने सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी देर शाम गांव पहुंचे। इसके पहले भी दिन भर नेताओं-जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहा।

भृगुनाथ सिंह के पुत्र राहुल की शादी लॉकडाउन के दौरान ही बीते 30 जून को मांझी थाना क्षेत्र के विनोद सिंह की पुत्री रागिनी कुमारी के साथ हुई थी। वह आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। अन्य तीन छोटे भाई भूषण कुमार सिंह, रजत कुमार सिंह, कुणाल कुमार सिंह व एक बहन आरती कुमारी अविवाहित हैं। तीन बहनों की शादी हो चुकी है। अभी राहुल ही परिवार का एकमात्र कमाऊ पुत्र था। वृद्ध माता-पिता के बुढ़ापे का भी वही सहारा था। गोली लगने पर गंभीर रुप से घायल होने के बाद बेहतर उपचार के लिए उसे कोलकाता में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार को मौत हो गई।

BSF के वरिष्ठ अधिकारियों व जवानों द्वारा विभागीय एंबुलेंस से शव को आमडाढ़ी गांव लाया गया। इसके बाद ताबूत को कंधे पर लेकर गांव के बाहर से राहुल के दरवाजे पर पहुंचाया गया। इस दौरान ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। शव दरवाजे पर पहुंचते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गया। इस बीच BSF के अधिकारियों द्वारा विभागीय व कागजी औपचारिकताएं भी पूरी की गई।

इस दौरान BSF अधिकारियों के साथ एकमा थानाध्यक्ष राजेश चौधरी व रसूलपुर पुलिस भी मौजूद रही। मौके पर मौजूद भीड़ के नियंत्रण में BSF व बिहार पुलिस के जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। क्योंकि शव आने की सूचना मिलने पर दोपहर बाद से ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व नवयुवक गांव के बाहर इंतजार कर रहे थे। सीवान-छपरा हाइवे 531 पर आमडाढ़ी रेलवे क्रॉसिंग से गांव के प्रवेश द्वार और मांझी-बरौली स्टेट हाइवे पर सड़क के दोनों किनारे लोग खड़े थे।

पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सोमवार को सरयू नदी के तट पर स्थित डुमाईगढ़ घाट पर किया जाएगा। इस दौरान BSF व बिहार पुलिस के अधिकारियों-जवानों के साथ ही क्षेत्र के गणमान्य लोग भी उपस्थिति रहेंगे।

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