मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को दिल्ली के द्वारका सेक्टर-19 में नए बिहार राज्य अतिथि गृह ‘बिहार सदन‘ का षिलान्यास किया। दो एकड़ में बनने जा रहा यह भव्य भवन दिल्ली में ‘बिहार भवन‘ एवं ‘बिहार निवास‘ के बाद बिहार राज्य का तीसरा गेस्ट हाउस होगा।

मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भारतीय परम्परा के अनुसार नारियल फोडकर शिलापट्ट का अनावरण कर बिहार सदन के भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने इस भवन के माॅडल का गहनतापूर्वक निरीक्षण किया।

शिलान्यास के पश्‍चात सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार सदन आधुनिक एवं प्रगतिशील बिहार की छवि प्रस्तुत करेगा। इस भवन के निर्माण से दिल्ली में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं बिहार के निवासियों को काफी सुविधा मिलेगी।

भवन की विशेषता बताते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि यह भवन बेसमेंट एवं भूतल के अलावा 10 (दस) फ्लोर का होगा। इसमें 118 कमरा होगा। 200 लोगों के लिए कान्फ्रेंस रूम तथा 180 लोगों के कैफेटेरिया रहेगा। 200 लोगों के लिए एक्जीविशन क्षेत्र रहेगा। ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से सौर पैनल का अधिष्ठापन किया जाएगा। बिहार सदन का भव्य भवन पूर्ण रूप से भूकंपरोधी होगा।

नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे सारे अधिकारी एवं अभियंता इस कार्य में तत्परता के साथ लगे हुए है। उन्होंने कहा कि जैसा कि भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने कहा कि एक साल छः महीने के अन्दर यह भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इस लक्ष्य के अनुसार अगर 02 अक्टूबर 2019 को इस भवन का उदघाटन हो जाए तो यह महात्मा गाँधी की 150वीं जन्मशती के उपलक्ष्य में अत्यंत हर्ष का विषय होगा।

Advertise, Advertisement, Muzaffarpur, Branding, Digital Media

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हाल के वर्षो में आधुनिकतम तकनीकों पर आधारित भवनों का निर्माण किया गया है जिसकी चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। बिहार आपदा प्रवण राज्य है इसलिए हम लोग सभी भवनों को भूकंपरोधी बना रहे है। राजमिस्त्री को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिहार म्यूजियम का निर्माण जवाहरलाल नेहरू पथ, जिसे आमतौर पर बेली रोड़ कहा जाता है, में किया गया है। यह पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। सम्राट अषोक कन्वेंषन केन्द्र, ज्ञान भवन तथा बापू सभागार का निर्माण उत्कृष्ट कोटि का हुआ है।

उन्‍होंने कहा कि भूकंपरोधी पुलिस भवन का निर्माण किया जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति स्व. डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर सायंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है। सभी भवनों का निर्माण नवीनतम तकनीक पर आधारित है। हम लोग इतिहास, पर्यावरण एवं विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे है। 

बिहार सदन के शिलान्यास के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दिल्ली में सूबे के निवासियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का दिल्ली में प्रवास बढ़ने, सरकारी बैठकों के आयोजन के कारण पर्याप्त कमरे और सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण बुधवार को बिहार सरकार के तीसरे भवन के निर्माण की योजना बनी।

उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में ही ‘बिहार सदन’ का क्रियान्वयन हुआ और आज इसका शिलान्यास भी हो गया। पहले एक एकड़ ही जमीन उपलब्ध करायी गयी थी, लेकिन बिहार सरकार के आग्रह करने पर दो एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गयी। बिहार सदन का निर्माण हो जाने पर दिल्ली आनेवाले अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम लोगों को भी सुविधा मुहैया करायी जायेगी।

जानिए बिहार सदन में क्‍या होगा खास
दिल्ली के द्वारिका में दो एकड़ में बनने वाला बिहार सदन दस मंजिला होगा। पहली बार बिहार के बाहर राज्य सरकार द्वारा इतने बड़े भवन का निर्माण कराया जा रहा है। भवन निर्माण विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस दो एकड़ जमीन में बननेवाले बिहार सदन परिसर में बड़ा हिस्सा हरियाली के लिए छोड़ा गया है।

सौ कमरे का होगा निर्माण
बिहार सदन के जिस डिजायन को मंजूरी दी गई है, उसके तहत सौ कमरे का निर्माण कराया जा रहा है। सभी कमरे डबल बेड होंगे। इसके अतिरिक्त सपोर्टिंग स्टाफ के लिए बिहार सदन परिसर में अलग से क्वार्टर होंगे।

ग्राउंड फ्लोर पर बिजनेस सेंटर
दिल्ली में राज्य सरकार की लगातार होने वाली बैठकों को ध्यान में रख बिहार सदन में एक बड़ा बिजनेस सेंटर भी बनेगा। इस संबंध में बताया गया कि बिजनेस सेंटर अत्याधुनिक बनाया जाएगा। दो हिस्से में यह बनेगा। एक हिस्से में लगभग सौ लोगों के साथ बैठक की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

दो फ्लोर वीआइपी और वीवीआइपी के लिए
तय योजना के अनुसार बिहार सदन के दो फ्लोर पर वीआइपी और वीवीआइपी सूइट बनाए जाएंगे। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा । पूर्व में बिहार सदन के डिजायन में स्वीमिंग पुल के निर्माण का भी प्रस्ताव था। अब जिस डिजायन को मंजूरी दी गई है उसमें स्वीमिंग पुल नहीं है।

कुर्सी क्षेत्रफल 14771.30 वर्गमीटर
बिहार सदन का कुर्सी क्षेत्रफल 14771.30 वर्गमीटर होगा। राज्य योजना मद से इसके निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 68.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सबसे पहले साठ के दशक में ‘बिहार भवन’ का निर्माण कराया गया. उसके बाद सूबे के निवासियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का दिल्ली में प्रवास बढ़ने पर ’80 के दशक में ‘बिहार निवास’ का निर्माण कराया गया।

Input : Dainik Jagran

Previous articleपार्ट-थ्री की कॉपियों की शुरू होगी जांच
Next articleजैन और बौद्ध सर्किट के विकास पर खर्च होंगे 113 करोड़, जुड़ेंगे ये शहर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here