ऐसा नहीं है कि बिहार में लोग पुलिस सुरक्षा की मांग केवल अपनी जानमाल की सुरक्षा के लिए करते हैं। यहां सरकारी अंगरक्षक लेकर चलना न केवल राजनेताओं के लिए बल्कि नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों और यहां तक कि नौकरशाहों व नव धनाढ्यों के लिए भी ‘स्टैटस सिंबल’ का विषय  है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की इकाई ‘ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ (बीपीआर एंड डी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि बिहार देश के सभी 29 राज्यों व सात केंद्र शासित राज्यों में एक ऐसा राज्य है जहां देश भर के सबसे ज्यादा वीआइपी और वीवीआइपी रहते हैं। यहां तक देश की राजधानी दिल्ली या फिर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से भी अधिक।

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पिछले साल बिहार सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर बताया था कि बिहार में 3,591 ऐसे वीआइपी हैं जिन्हें सरकार ने अपने खर्च पर अंगरक्षक उपलब्ध करा रखा है।

इनकी सुरक्षा में बिहार पुलिस ने अपने बल कुल क्षमता का 12 प्रतिशत बल तैनात कर रखा है। इतना ही नहीं, इनकी 3,591 वीआइपी व वीवीआइपी पर सरकार हर साल 141.95 करोड़ रुपये खर्च करती है। यह राशि उस सरकारी खजाने का है जिसे सरकार खुद जनता की गाढ़ी कमाई मानती है।

राजधानी दिल्ली में 489 वीआइपी और बिहार में 3,591

देश की राजधानी में जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सभी सदस्य, देश के सभी राज्यों के लोकसभा व राज्यसभा सदस्य, सर्वोच्च न्यायालय व दिल्ली हाइकोर्ट के न्यायाधीश, विभिन्न देशों के राजनयिक और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं, वहां कुल वीआइपी व वीवीआइपी की संख्या महज 489 है।

इन सभी 489 वीआइपी की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस के 7,420 अधिकारी व जवान तैनात हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश जो देश का सबसे बड़ा राज्य है, वहां भी कुल वीआइपी की संख्या बिहार से तकरीबन आधा यानी 1,852 है। यूपी में वीआइपी सुरक्षा में केवल 4,681 पुलिस के अधिकारी व जवान तैनात हैं।

राष्ट्रीय औसत 729 लोगों पर एक पुलिसकर्मी और बिहार में 1,454 पर एक

अब जरा बीपीआर एंड डी की वर्ष 2017 की रिपोर्ट पर नजर डाले तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। देश भर में पुलिसकर्मियों की संख्या 19.26 लाख है। बिहार में इसकी संख्या तकरीबन 70 हजार के आसपास है।

सैद्धांतिक तौर पर 554 लोगों की सुरक्षा पर एक पुलिसकर्मी की उपलब्धता अपेक्षित है। लेकिन देश का राष्ट्रीय औसत 729 लोगों की सुरक्षा पर एक पुलिसकर्मी की उपलब्धता है। लेकिन वीआइपी संस्कृति वाले बिहार में तो हद हो गई। यहां 1,454 लोगों की सुरक्षा पर एक पुलिसकर्मी ही उपलब्ध है।

ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि देश भर में वीआइपी व वीवीआइपी लोगों की कुल संख्या 14,842 है। इनकी सुरक्षा में 56,944 पुलिस पदाधिकारी व जवान लगाए गए हैं। इनमें केवल बिहार में ही 3,591 वीआइपी निवास करते हैं। जिसकी सुरक्षा में करीब 12 हजार पुलिस अधिकारियों व जवानों लगाए गए हैं।

कहा-पुलिस महानिदेशक ने

बिहार में प्रति लाख की आबादी की सुरक्षा का दायित्व केवल 75 पुलिसकर्मियों पर है। ऐसे में वीआइपी सुरक्षा में जरूरत से ज्यादा पुलिस बल की तैनाती से राज्य की विधि-व्यवस्था से लेकर आपराधिक मामलों की जांच तक पर बुरा असर पड़ता है ।

केएस द्विवेदी, पुलिस महानिदेशक, बिहार

Input : Dainik Jagran

 

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