भारतीय सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ’ को लेकर पूरे देश मे राजनीतिक बयानबाजी जारी हैं। विपक्ष इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहा हैं। वहीं बिहार मे भाजपा की सहयोगी दल जेडीयू भी बयानबाजी कर रहा हैं और सरकार को इस योजना पर पुनः विचार करने को कहा हैं।
जदयू के पुनः विचार करने वाले बयान पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जयसवाल भड़क गए। उन्होंने जदयू को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी को पहले इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि बिहार मे स्नातक की पढ़ाई तीन साल में पूरी हो।
2019 में जिस छात्र ने बीए का फॉर्म भरा था वो 2022 में दूसरे वर्ष की ही परीक्षा दे रहा हैं : संजय जयसवाल
संजय जयसवाल ने कहा की, ‘जदयू के साथी अग्निपथ योजना में सुधार की बात कर रहे हैं लेकिन मुझे राज्य में शिक्षा की मौजूदा स्थिति देखकर हंसी आती हैं। यहां 2019 में जिस छात्र ने स्नातक का फॉर्म भरा था वो 2022 में दूसरे वर्ष की ही परीक्षा दे रहा हैं जबकि अग्निपथ योजना 22 साल के लड़के को आर्मी की ट्रेनिंग, 10वीं पास लड़का हैं तो उसको 12वीं पास करेंगे, अगर 12वीं पास है तो उसे ग्रेजुएशन में तीनों साल की परीक्षा नहीं देनी हैं।
उसको अग्निपथ योजना के तहत जैसे ही चार साल खत्म होगा उसे केवल दो विषय की परीक्षा देनी हैं और दो विषय की उसको ट्रेनिंग मिल जाएगी अग्निवीर के नाम पर। मतलब वो कंप्यूटर सीखेगा, ड्रोन चलाना सीखेगा, नेवी में जाएगा तो पानी का जहाज चलाना सीखेगा। 22 साल में इतना कुछ सीखकर जब वह बाहर जाएगा तो उनमें से सबसे बेस्ट 25 फीसदी युवाओं को सेना में वापस लिया जाएगा और बाकि बचे युवाओं को अलग-अलग जगह आरक्षण देकर नौकरी देने का काम किया जाएगा।’
संजय जायसवाल ने आगे कहा की, उन्हें बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए। पोर्टफोलियो उनके पास रहा हैं और छात्रों को अभी भी विलंबित शैक्षणिक सत्रों से जूझना पड़ रहा हैं, छात्रों को बिहार मे अपना स्नातक सत्र पूरा करने के लिए तीन साल से भी ज्यादा समय व्यतीत करना पड़ रहा हैं।
जदयू ने किया पलटवार
इस मामले पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने संजय जायसवाल का नाम लिए बगैर पलटवार किया किया और कहा की, उच्च शिक्षा में राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की क्या भूमिका है, यह बात कम से कम स्नातक कर चुके नेताओं को तो बताने की जरूरत नहीं हैं। उच्च शिक्षा के सत्र में विलंब के लिए सवाल उठाने वाले को यह जानकारी अवश्य होगी कि सरकार के शिक्षा मंत्री एवं विभाग के पदाधिकारी सत्र नियमित करने के लिए कुलाधिपति, कुलाधिपति कार्यालय, विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति व विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं।
क्या महामहिम कुलाधिपति पर सवाल खड़ा कर रहे हैं ? : जदयू
जदयू नेता ने आगे जायसवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि, राजनीतिक महानुभाव को इस बात की जानकारी जरूर होगी, क्योंकि वो खुद भी स्नातक हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे के प्रमुख महामहिम कुलाधिपति होते हैं। सवाल उठाने वाले क्या महामहिम कुलाधिपति पर सवाल खड़ा कर रहे हैं?
राजनीतिक महानुभाव को इस बात की जानकारी होगी कि केंद्र सरकार की अनुशंसा पर हीं महामहिम कुलाधिपति जो महामहिम के रूप में पदस्थापित हैं। तो फिर क्या केंद्र सरकार की अनुशंसा के आधार पर नियुक्ति करने वाले पर यह सवाल उठा रहे हैं ?