ए बी डिविलियर्स ने 14 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वो थकान के चलते ये फैसले ले रहे हैं। एबी के अचानक क्रिकेट छोड़ने के फैसले से सभी हैरान हो गए। क्योंकि वो अच्छा क्रिकेट खेल रहे थे। आइपीएल में अभी कुछ दिन पहले ही तो उन्होंने सुपर मैन की तरह हवा में उड़ते हुए एक हाथ से कैच पकड़ा था। डिविलियर्स के इस फैसले ने सबी को चकित कर दिया, लेकिन सबसे ज़्यादा हैरान हुए 33 साल से एबी के साथ रहे उनके क्लासमेट और साथी खिलाड़ी फाफ डू प्लेसिस।
आपको बता दें कि जिस तरह बचपन में जिस तरह सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली मुंबई के शारदा आश्रम स्कूल में पढ़कर खेल जगत में चमके थे कुछ ऐसी ही कहानी है दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस और पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स की। दोनों प्रिटोरिया के एफीस स्कूल में पढ़ते थे, वहीं क्रिकेट खेलते थे और एक साथ मिलकर शैतानी करते थे।
डिविलियर्स के संन्यास लेने के बाद फाफ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक एक इमोशनल पोस्ट लिखा। उन्होंने डिविलियर्स के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘तुम्हारे साथ खेलना मुझे बहुत याद आएगा। क्रिकेट के मैदान पर हमारे बीच कर्इ यादगार साझेदारियां हुर्इं। यह जानकर काफी दुखी हूं कि अब हम ग्रीन आैर गोल्ड जर्सी में साथ नहीं खेलेंगे। तुम्हारी बहुत याद आएगी।’
‘बचपन से ही दोनों हैं शैतान’
ये दोनों 33 वर्षीय क्रिकेटर बचपन में बेहद शैतान थे, जिसके कारण उनके कोच और अध्यापकों को काफी मेहनत करनी पड़ती थी। एफीस स्कूल में 19 साल से क्रिकेट सिखा रहे कोच डियोन बोट्स ने बताया कि ये दोनों क्लास में बेहद शैतान थे इसलिए इन्हें संभालना आसान नहीं था। फाफ अपने ही जूते को किक मारकर फेंक देता था। वह पढ़ाई में कभी अच्छा नहीं था। एबी भी पढ़ाई में औसत ही था। 60 प्रतिशत के करीब उसके नंबर आते थे, लेकिन वह अपनी शैतानियों से पूरी क्लास को बिजी रखता था।
हर खेल में स्टार रहे एबी
एफीस स्कूल से ही जैक रुडोल्फ भी निकले, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए खेला। कोच बोट्स ने बताया कि एबी बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी था, जबकि फाफ एक तरफ से विकेट रोककर खड़ा रहने वाला बल्लेबाज। एबी अभी जैसा खेलता है वैसे ही बचपन में खेलता था। वह जाकर सामने वाले गेंदबाजों को धुन देता था और मैच जीतकर चला आता था। उसे फर्क नहीं पड़ता था कि वह 90 रनों पर खेल रहा है या 99 पर। बोट्स ने भी ज्यूरिथ की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि एबी सिर्फ क्रिकेट का स्टार नहीं था, वह बचपन में हर खेल खेलता था। वह प्राइमरी स्कूल में टेनिस खेलता था और इस स्तर पर देश का नंबर दो खिलाड़ी था। आठवीं क्लास में वह अंडर-14 वर्ग में रग्बी खेला। स्कूली की सी और डी साइड के लिए उसने हॉकी भी खेला। 11वीं क्लास में आते-आते उसने स्कूल के लिए रग्बी खेलना शुरू कर दिया। वह स्कूल की मुख्य एकादश में था और राज्य के लिए भी रग्बी खेला।
आठवें नंबर पर बल्लेबाजी
दक्षिण अफ्रीकी टीम के आक्रमणकारी ओपनिंग बल्लेबाज डिविलियर्स स्कूल की टीम के लिए आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते थे और विकेट भी लेते थे। डिविलियर्स ने रग्बी को अपना करियर बनाने की ठान ली थी, लेकिन बाद में वह क्रिकेट की तरफ मुड़ गए।
आइपीएल को लेकर ये बोले एबी
असल में, डिविलियर्स ने कहा कि उनकी विदेशों में खेलने की कोई योजना नहीं है, जिसका मतलब है कि वह आइपीएल के अगले सत्र में आरसीबी की जर्सी में नजर नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि मैं घरेलू क्रिकेट में टाइटंस के लिए उपलब्ध रहूंगा।
Input : Dainik Jagran