देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख का मेडिकल बीमा उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में योजना को मिशन मोड पर चलाने और निगरानी के लिए आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी के गठन का भी फैसला लिया गया। योजना के तहत अगले दो साल में 10,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना भी समाहित होगी। योजना की शुरुआत 15 अगस्त या गांधी जयंती 2 अक्तूबर पर की जाएगी। योजना के तहत केंद्र सरकार कुल खर्च का 60 फीसदी तो राज्य सरकारें 40 फीसदी रकम खर्च करेंगी। इसका लाभ देश के 50 करोड़ लोगों को मिलेगा।
ये आएंगे दायरे में
एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर तबके लोग शामिल किए जाएंगे। कोई छूटे नहीं, इसके लिए परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी। कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा वाले, वे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो, ऐसे परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य हों और कोई शारीरिक रूप से सक्षम वयस्क सदस्य नहीं हो, अजा/जजा परिवार, मानवीय आकस्मिक मजदूरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिना छत के रहने वाले, निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गए बंधुआ मजदूर।
ये होंगे फायदे
बीमा पॉलिसी के पहले दिन से मौजूद सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भुगतान किया जाएगा। पैनल में शामिल देशभर के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ की अनुमति होगी।
ऐसे होगा भुगतान
लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप में परिभाषित) के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होगी। लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस, पेपरलेस लेनदेन होगा। राज्य विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा।