आज विश्व में कई ऐसे देश हैं, जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी लोगों के बीच देवता तुल्य पूज्य हैं। उनके बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियों से यहां लोग अनभिज्ञ हैं। बापू के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल करने को पारू प्रखंड के गांधी स्वराज आश्रम, कमलपुरा से डरबन तक टीम जाएगी। यह जानकारी शुक्रवार को गांधी स्वराज आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष रानू नीलम शंकर ने दी। बताया कि इसके लिए एक टीम गठित की गई है, जिसे ‘अभियान सारथी’ नाम दिया गया है। कहा कि देश की आजादी में महत्वपूर्ण स्थान के बाद कमलपुरा इतिहास के पन्नों में गुम हो चुकी थी। इनके 15 साल के प्रयास से आज जिला प्रशासन ने इसे विरासत में जगह दी। श्री शंकर 2004 से इस धरोहर को जनमानस के बीच लाने के लिए प्रयासरत थे।

30 जनवरी को दी जाएगी प्रतिमा की नींव

अब ट्रस्ट ने बापू की 150वीं जयंती पर इस बार आश्रम परिसर में उनकी 150 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का निश्चय किया है। इसे ट्रस्ट की ओर से ही बनवाया जाएगा। इसकी नींव गांधी जी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को दी जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी भूमि पूजन कर अभियान की शुरुआत करने और वैशाली की धरती कमलपुरा से एक बार फिर दुनिया को अहिंसा व शांति का संदेश देने के लिए पत्र भेजा गया है।

साथ ही ट्रस्ट ने 1934 में जिस रास्ते से होकर गांधी जी जनमानस से मिलने व दु:ख-दर्द बांटने गए, उस मार्ग को गांधी मार्ग घोषित किए जाने की मांग की है। ताकि जनमानस के अंतर्मन को ये बात छू सके और उनका संदेश जन-जन तक फैले। वक्ताओं ने बताया कि बापू ने 1934 में अपनी चंपारण यात्रा के दौरान इस आश्रम की नींव डाली थी। इसके प्रेरणास्रोत महान गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी राधामोहन सिंह थे। प्रेस वार्ता में चंदन ओझा, संजीत किशोर, युगल किशोर सिंह, लोकेश श्रीवास्तव आदि भी शामिल थे।’

Input : Dainik Jagran

 

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