केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पेपर लीक मामले में पटना के दो छात्रों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में चतरा एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि बिहार के छात्रों के जरिए ही प्रश्नपत्र वायरल हुआ था। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र बिहार से वायरल कर व्हाट्सएप पर डाला गया था।

बता दें कि पुलिस ने अबतक बिहार और झारखंड के 12 छात्रों को दबोच लिया है। इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इनमें से छह को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। गिरफ्तार छह अन्य छात्रों से अभी थाने में पूछताछ की जा रही है।

पकड़े गए 12 छात्रों में से चतरा के दस और पटना से दो छात्र शामिल हैं। चतरा में जिन दस छात्रों को दबोचा गया है उनमें तीन डीएवी, एक नाजरथ विद्या निकेतन, छह अन्य छात्र शामिल हैं। इनके पास से पेपर लीक से जुड़े पुर्जे और मोबाइल मिले थे।

जवाहर नवोदय विद्यालय में इनका सेंटर पड़ा था। नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के बयान पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। शुक्रवार को पटना के रामनगर से गिरफ्तार दो छात्रों में से एक नौवीं और दूसरा बारहवीं का छात्र है।

इन दोनों के मोबाइल से पेपर ट्रांसफर होने की सूचना है। इसके अलावा चतरा के ही दो कोचिंग संचालकों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दोनों से अभी पूछताछ की जा रही है।

खास यह कि पेपर लीक प्रकरण में चतरा एसपी ने प्रशिक्षु आइपीएस सौरभ कुमार के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है। इनमें एक टीम को पटना और दूसरी टीम को गया भेजा गया है। पटना गई टीम ने ही रामनगर से दो छात्रों को दबोचा है। एसपी अखिलेश बी वारियार के अनुसार पूरे मामले का खुलासा कर लिया गया है।

ऐसे खुला राज

जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डा. देवेश नारायण की पहल से पुलिस को मदद मिली। ज्यों ही उन्हें संदेह हुआ कि मामला पेपर लीक से जुड़ा है, उन्होंने बिना विलंब किए इसकी पूरी जानकारी पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वारियार को दी और सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।

इसके बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए एसपी ने ट्रेनी आइपीएस सौरभ को बुलाया और जांच की कमान सौंपी। हालांकि नेतृत्व खुद एसपी कर रहे हैं। प्राचार्य की सूचना के आधार पहले तो उन छह परीक्षार्थियों को गुरुवार की रात उनके घरों से उठाया गया, जिनके पास चीट और मोबाइल मिले थे।

उसके बाद एक-एक कर करीब डेढ़ दर्जन से अधिक परीक्षार्थियों एवं उससे जुड़े लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए छात्रों से एसपी स्वयं सदर थाना में पूछताछ करते रहे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूरे मामले का उद्भेदन कर लिया गया है।

साक्ष्य के रूप में ढेर सारे तथ्य जुटा लिए गए हैं। कुछ और तथ्य जुटाए जा रहे हैं। उसके बाद मामले का विधिवत रूप से मीडिया के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी चतरा के दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

ये कोचिंग संचालन के धंधे से जुड़े हुए हैं। कई को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। इधर एसआइटी की टीम झारखंड एवं बिहार के विभिन्न स्थानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिए छात्रों में से कुछ व्यवसायियों और कुछ सरकारी कर्मियों के पुत्र हैं।

Input : Dainik Jagran

 

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