बिहार बोर्ड से बोल रहा हूं। आपकी बेटी कल्पना राय के तीन विषय में काफी बेहतर अंक हैं। दो विषय में काफी कम अंक हैं। दोनों विषय में 25-25 अंक बढ़ जाएंगे तो प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो जाएगी। इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। अकाउंट नंबर मैसेज किया है। 1000 रुपये भेज दीजिए। रिजल्ट अंतिम दौर में है। एक-दो दिन बाद लाख रुपये देने के बाद भी अंक में परिवर्तन संभव नहीं है। फोन कर इस तरह की बातें कर लोग बोर्ड के इंटर परीक्षार्थियों और अभिभावकों को ठग रहे हैं।
दानापुर के अभिभावक रमेश प्रसाद ने बताया कि उनके फोन पर कई बार कॉल आई है। ठग ने अपना अकाउंट नंबर भी दिया है। मधुबनी के सूरज कुमार ने बताया कि मोबाइल नंबर 7258945927 से कॉल आई। कॉल करने वाले ने नाम रंजन और बोर्ड अधिकारी बताकर बेटी का आधार नंबर और अन्य जानकारी मांगी।
पूछने पर बताया कि आपकी बेटी इंटर में एक विषय में फेल है।
उत्तीर्ण कराना है तो अकाउंट नंबर 37662395128 पर 500 रुपये भेज दें। गुरुवार को दो घंटे बाद फिर कॉल कर बताया कि अकाउंट में राशि नहीं आई है। उसने बताया कि शुक्रवार तक राशि जमा नहीं भेजने पर नंबर नहीं बढ़ पाएगा।
जैन कॉलेज सासाराम के छात्र आजाद मिश्रा को ठग ने मोबाइल नंबर 9262562619 से फोन किया। इंटर में प्रथम श्रेणी से पास कराने के लिए अकाउंट नंबर 20465002997 में 5700 रुपये भेजने को कहा। खुद को बोर्ड अधिकारी बताने वाले ने कहा कि दो विषय में फेल हैं। कंप्यूटर में अंक चढ़ाया जा रहा है। यदि जल्दी रुपये अकाउंट में नहीं भेजे तो एक साल बर्बाद हो जाएगा।
थाने में दर्ज कराएं प्राथमिकी
बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि रिजल्ट प्रकाशन से कुछ दिन पहले ठग सक्रिय हो गए हैं। बोर्ड ने अभिभावकों से ठगों के झांसे में नहीं आने की अपील की है। फोन आने पर अभिभावक स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएं। इसकी सूचना बोर्ड को भी दें। पिछले साल संगठित गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की गई थी। मोबाइल और अकाउंट नंबर की जांच की जा रही है।
कर्मी को रिजल्ट की जानकारी नहीं
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि बार कोडिंग और अन्य प्रक्रियाओं के कंप्यूटराइज होने से किस बच्चे को किस विषय में कितना अंक प्राप्त हुआ इसकी जानकारी बोर्ड के किसी कर्मी या अधिकारी को नहीं होती। कई विभाग कई स्तर पर रिजल्ट तैयार करते हैं।
आधार नंबर पूछकर ले रहे जानकारी
अभिभावकों ने बताया कि ठग बच्चों का आधार नंबर पहले मांगते हैं। इसके बाद प्रवेश पत्र में त्रुटि का हवाला देकर संबंधित विषय सहित कई जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके कुछ देर के बाद दूसरा फोन कर नंबर बढ़ाने के लिए राशि की डिमांड करता है।
बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार रिजल्ट प्रकाशन से पहले नंबर बढ़ाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय हो जाता है। पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज होने के कारण इसमें हेराफेरी संभव नहीं है। फोन आने पर संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएं।
Input : Dainik Jagran