मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंबेडकर जयंती पर एससी-एसटी के लिए कई घोषणाएं कीं। कहा कि पासवान जाति भी महादलित में शामिल होगी। महादलितों के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं, उन सभी का लाभ इन्हें भी मिलेगा। चाहे वह घर बनाने के लिए जमीन हो, दशरथ मांझी कौशल विकास योजना हो या कोई और योजना। मुख्यमंत्री सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के बापू सभागार में आयोजित दलित सेना के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हाशिए पर रही जाति के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए महादलित में कुछ को शामिल किया गया था। अब पासवान जाति को भी इसमें शामिल करने का निर्णय हो चुका है। गौरतलब हो कि एससी की पासवान ही एक जाति थी जो महादलित से अलग थी। सीएम की इस घोषणा के साथ ही एससी के तहत दलित और महादलित का भेद खत्म हो जाएगा। सीएम ने यह भी घोषणा की कि एससी-एसटी कल्याण छात्रवासों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के अलावा अलग से कुछ राशि दी जाएगी। इन्हें बीपीएल की दर पर अनाज भी मिलेगा। सभी एससी-एसटी टोले में सामुदायिक भवन बनेंगे।
15 साल के राजद शासन में कुछ नहीं मिला : सीएम ने कहा कि 15 साल के राजद शासनकाल में राज्य को कुछ नहीं मिला। ये दलितों की बात करते हैं पर उनके लिए कुछ नहीं किया। पति-पत्नी को 15 साल मौका मिला पर ये सेवा को भूल सिर्फ मेवा ग्रहण करने में लगे रहे। 2005 में एससी-एसटी के लिए छात्रवृत्ति पर 32.71 करोड़ खर्च होते थे, जिसे अब 428 करोड़ किया गया है। इस विभाग का बजट 2005 में 40.48 करोड़ था जो बढ़ कर इस साल 1550 करोड़ हो गया। सच्चई सामने है, अब लोगों को फैसला करना है कि वे किसके साथ हैं।
चौकीदार-दफादार के आश्रितों को नौकरी
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि चौकीदार-दफादार अपनी सेवा समाप्त होने के कुछ माह पहले लिख कर यह देते हैं कि उनकी जगह उनके किसी आश्रित को नौकरी दी जाए, तो उनके इस आग्रह को सरकार मान लेगी। चौकीदार को 3 हजार की जगह 7 हजार और दफादार को 8 हजार सालाना उनकी पोशाक के लिए राज्य सरकार देगी।
हमलोग सभी वर्गो के लिए काम करते हैं। कुछ लोग समाज में तनाव और टकराव पैदा करने की कोशिश करते हैं, उनसे बचें। -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
428 करोड़ की गई है एससी-एसटी के लिए छात्रवृत्ति की राशि
Input : Hindustan