अभी कुछ दिनों पहले, जब मैं कुछ सामान लेने जनरल स्टोर्स पर गई थी, तो उस दुकान के बगल में हीं एक दवा की दुकान भी थी. जहां एक बुजुर्ग महिला,जो मजदूरी का काम करतीं थी और एक छोटी-सी दुकान भी चलातीं थी वे दवा खरीदने आईं थी. पर दुकानदार उन्हें यह कहकर मना कर रहा था कि वह 10 रु, 5 रु, 1 रु आदि के सिक्के नहीं लेगा. इन महिला की हालत बहुत ख़राब थी. वे गिड़गिड़ा रहीं थी कि उनकी बहु की तबीयत बहुत ख़राब है, पर फिर भी वह दुकानदार सिक्के नहीं ले रहा था| उसका भी अपना तर्क था. ‘मैं सिक्के लेकर क्या करूँगा? कोई भी सिक्के नहीं ले रहा| खासकर 1 रु के छोटे सिक्के. मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उस दुकानदार को टोका तो फिर वही जवाब| फिर मैंने सिक्कों के बदले नोट देकर उन महिला की दवा खरीदवाई. नियम का हवाला देने पर भी वही जवाब मिला, सब जगह यही हालात हैं. सिक्का लेने से मना करने पर आए दिन दुकानदार व ग्राहक के बीच नोक-झोंक होती है. ऐसी हालत सिर्फ दुकानों में हीं नहीं है, बल्कि कई बैंक भी सिक्के नहीं ले रहे. उनका कहना है कि उनके पास सिक्के गिनने का समय नहीं है.

अब आप हीं बताइए… नोटबंदी के बाद तो यह, अघोषित सिक्काबंदी हो गई. अचानक सिक्कों की खनक सबको फीकी लगने लगी. आमजनता उस वक़्त परेशान थी और सारे नियमों का पालन कर रही थी आज .भी आमजनता त्रस्त है. सरकार कैशलेस बनने को कहती है| सारी खरीदारी कार्ड, एप और ऑनलाइन से करने को कहती है|ये तो पूरी तरह संभव नहीं है. ऐसे में उन छोटे दुकानदारों का क्या, जिनकी आमदनी 1 रु, 2 रु, 5 रु आदि है. 500 , 2000 रुपयों कर नोट तो नहीं सकते.
ये तो अब हर रोज की बात हो रही है. कभी मोबाइल रिचार्ज करने वाला सिक्के लेने से मना कर देता है तो कभी कोई और.
ऐसी स्थिति में आप केस दर्ज करा सकते हैं….
अगर कोई दुकानदार या व्यक्ति आरबीआई के सिक्कों को लेने से इंकार करता है, तो उस पर राजद्रोह का केस दर्ज कराया जा सकता है. भारत की वैध मुद्रा लेने से इंकार करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124(1) के तहत मामला दर्ज कराया जा सकता ह. क्योंकि मुद्रा या नोट लेने का वचन भारत सरकार की ओर से दिया जाता है. इसको लेने से मना करना राजद्रोह की श्रेणी में आता है.
ऐसे में प्रक्रिया लम्बी हो जाएगी, यह बात सब जानते हैं. बेहतर तो यही होगा की आपसी सामंजस्य बिठाकर काम किया जाए. सिक्कों को भी लिया जाए ताकि जनता को कोई परेशानी न हो.
नोट-कुछ जानकारियां गूगल से ली गई है।